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16 दिन में गायब हुए 'टीएसआर ओपन गोल्ड जिम' के पुर्जे, पढ़िए पूरी खबर

गांधी पार्क में मुफ्त कसरत के लिए बनाया टीएसआर ओपन गोल्ड जिम के कलपुर्जों पर चोरों ने महज 16 दिन में ही हाथ साफ कर दिया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 03:33 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 03:34 PM (IST)
16 दिन में गायब हुए 'टीएसआर ओपन गोल्ड जिम' के पुर्जे, पढ़िए पूरी खबर
16 दिन में गायब हुए 'टीएसआर ओपन गोल्ड जिम' के पुर्जे, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, अंकुर अग्रवाल। शारीरिक कसरत के लिए महंगे जिम का खर्च न उठा पाने वालों के लिए गांधी पार्क में मुफ्त कसरत के लिए बनाया 'टीएसआर ओपन गोल्ड जिम' के कलपुर्जों पर चोरों ने महज 16 दिन में ही हाथ साफ कर दिया। 18 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नगर निगम की ओर से उनके ही नाम पर समर्पित इस 'टीएसआर जिम' का लोकार्पण किया था। देखभाल व सुरक्षा के अभाव में यहां लगी साइकिलिंग मशीन के पैडल और शोल्डर मशीन की रॉड गायब हो गई। इतना ही नहीं कईं मशीनों के नट-बोल्ट एवं अन्य सामान भी गायब हो गया। नगर निगम की ओर से यहां सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं किए गए थे। पार्क में पूरा दिन असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा लगा रहता है। महापौर की ओर से मामले में रिपोर्ट तलब की गई है।

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अमृत योजना के तहत नगर निगम की ओर से गांधी पार्क में तीन करोड़ रुपये के बजट से सौंदर्यीकरण व अन्य कार्य कराए जा रहे हैं। इसी के तहत पहले चरण में किड्स जोन व जॉगिंग ट्रैक बनाया गया, जबकि दूसरे चरण में ओपन एयर जिम, म्यूजिकल फाउंटेन एवं अन्य सौंदर्यीकरण के कार्य हो रहे हैं। इसमें ओपन एयर जिम को पीपीपी मोड में बनाया गया। नगर निगम ने इसे मुख्यमंत्री के नाम पर 'टीएसआर ओपन गोल्ड जिम' नाम भी दिया। दावा किया गया था कि यह प्रदेश में पहला ओपन एयर जिम है। लोकार्पण करते वक्त मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ये दावा किया था कि गांधी पार्क में नियमित सैर के लिए आने वाले युवाओं, बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए ओपन जिम लाभकारी होगा। यहां व्यायाम के दौरान मदद के लिए तीन प्रशिक्षक तैनात करने के निर्देश भी दिए गए थे। मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर उपकरण लगाने के निर्देश भी दिए थे, मगर यह सब दावे धरे रह गए। 

शुरुआती दिनों में आम जनता ने भी इसे हाथोंहाथ लिया। रोजाना सैंकड़ों लोग सुबह व शाम जिम में पसीना बहाने को पहुंच रहे थे, लेकिन जिम में लगी मशीनों की देखरेख नहीं होने से धीरे-धीरे इसके कलपुर्जे गायब होने लगे। साइकिलिंग मशीन के पैडल और बोल्ट गायब कर दिए गए तो वॉकिंग मशीन पर तार बांधने की नौबत भी आ गई। लोगों ने बताया कि कुछ दिन तो तार बांधकर इस मशीन पर काम चलता रहा लेकिन अब यह मशीन भी खराब हो गई। वेट मशीन के वेट भी गायब हो गए, जबकि पैरों की कसरत के लिए लगी मशीनें में भी रख-रखाव न होने से खराब हो गईं। आधा दर्जन मशीनें खराब हो चुकी हैं। पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग ओपन जिम बनाए गए थे मगर दोनों ही दुर्दशा की भेंट चढ़ गए।

मशीनों पर झूलते हैं बच्चे

ओपन जिम में आमजन के अलावा कुछ शरारती तत्व भी मशीनों पर कसरत करने में लगे रहते हैं। कुछ बच्चे मशीनों को झूले के समान उपयोग करते हैं। दिनभर भीड़ लगी रहने से मशीनों में खराबी आने लगी है।

पार्क में शुल्क लगाने की मांग

गांधी पार्क में नियमित ओपन एयर जिम पर कसरत के लिए आने वाले दूनवासियों ने नगर निगम से निर्धारित शुल्क लगाने की मांग की है। गिरीश कुमार ने कहा कि यदि शुल्क लगेगा तो असामाजिक तत्व यहां पर नहीं आएंगे। शुल्क लगने से सुरक्षा कर्मियों की तैनाती का खर्च भी निकलेगा। यशपाल सिंह ने बताया कि वे कई वर्षों से पार्क की सैर पर आते हैं। उन्होंने नियमित आने वाले लोगों के लिए मासिक शुल्क पर पास जारी करने की मांग की। बता दें कि, गांधी पार्क में फिलहाल मुफ्त एंट्री है। किड्स पार्क की एंट्री पर ही फीस ली जाती है। दूनवासियों ने पार्क में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाने की मांग की।

पायलेट प्रोजेक्ट की दुर्दशा, 100 वार्डों में क्या होगा

मुख्यमंत्री ने महापौर से नगर निगम के सभी 100 वार्डों में ऐसे ओपन जिम बनाने को कहा था, ताकि मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों को भी सुविधा मिले। नगर निगम की ओर से इसके प्रयास भी तेज कर दिए गए थे, लेकिन पायलेट प्रोजेक्ट की ऐसी दुर्दशा से निगम की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। गांधी पार्क में न तो सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी, न प्रशिक्षक तैनात किए गए थे। मशीनों की रखरखाव भगवान भरोसे छोड़ दी गई।

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महापौर सुनील उनियाल गामा का कहना है कि गांधी पार्क में ओपन जिम की सुरक्षा के लिए बंदोबस्त करने के निर्देश दिए गए थे। प्रशिक्षकों की तैनाती की जा रही है, जबकि मशीनों की रख-रखाव संबंधित कंपनी को करनी थी। कलपुर्जे गायब होने एवं मशीनों के खराब होने के मामले में रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई जाएगी।

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