उत्तराखंड में दिसंबर से नहीं मिला परिवहन कर्मियों को वेतन, पढ़िए पूरी खबर
परिवहन निगम कर्मियों के वेतन का इंतजार अब लंबा होता जा रहा है। निगम कर्मियों को दिसंबर से अब तक का वेतन नहीं मिला है। निगम की माली हालत ऐसी नहीं है कि वह कर्मचारियों को वेतन दे सके।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। परिवहन निगम कर्मियों के वेतन का इंतजार अब लंबा होता जा रहा है। निगम कर्मियों को दिसंबर से अब तक का वेतन नहीं मिला है। निगम की माली हालत ऐसी नहीं है कि वह कर्मचारियों को वेतन दे सके। इसके लिए लगातार सरकार व शासन से सहयोग देने की गुहार लगाई जा रही है।
परिवहन निगम राज्य गठन के बाद से अब तक घाटे से पूरी तरह नहीं उबर पाया है। बीते सालों में हालात कुछ ठीक हुए थे। ऐसे में निगम धीरे-धीरे मजबूत हो रहा था लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण देशभर में लागू हुए लाकडाउन के कारण निगम की आर्थिक स्थित बुरी तरह चरमरा गई। निगम की बसों का संचालन केवल फंसे हुए यात्रियों को लाने के लिए ही किया गया।
हालात यह बने कि निगम 149 करोड़ के घाटे में आ गया। इससे निगम को कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पैसे ही नहीं बचे। इसे देखते हुए निगम ने शासन से पुराने देयको की मांग उठाई। शासन से सहयोग मिला तो कभी एक माह तो कभी दो माह का वेतन मिला। बावजूद इसके अभी तक निगम कर्मियों का पुराना वेतन नहीं मिल पा रहा है। दरअसल, परिवहन निगम को अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए प्रतिमाह 20 करोड़ रुपये की जरूरत होती है।
निगम यह धनराशि तब कमा पाता है, जब उसकी प्रतिदिन की आय पौने दो करोड़ के आसपास हो। निगम की इस समय आय तकरीबन सवा से डेढ़ करोड़ रुपये है। वहीं निगम को हर माह पेट्रोल डीजल और अन्य ऋण के लिए 35 करोड़ रुपये देने होते हैं। इससे निगम को पास कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पूरे पैसे नहीं हो पा रहे हैं। हाल ही में मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रकरण पर भी गंभीरता से चर्चा हुई।
ऐसे में अब निगम कर्मियों का वेतन देने के लिए उन्हें फिर से ऋण उपलब्ध कराने की चर्चा भी चल रही है। प्राथमिकता यह है कि निगम बसों के संचालन बढ़ाने के साथ ही आय में भी वृद्धि करे। हालांकि, कोरोना संक्रमण के फिर से बढ़ने के कारण बसों में यात्रियों की संख्या में कमी आने लगी है।
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