निजी वाहनों के परमिट को उप्र और हिमाचल से पत्राचार करेगा परिवहन विभाग
उत्तराखंड परिवहन विभाग अब उत्तर प्रदेश व हिमाचल के मार्गों पर निजी बस संचालन को लेकर इन राज्यों को पत्र लिखने की तैयारी कर रहा है। मकसद यह कि कोरोना काल के बाद इन मार्गों पर भी निजी बसों का संचालन शुरू किया जा सके।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड परिवहन विभाग अब उत्तर प्रदेश व हिमाचल के मार्गों पर निजी बस संचालन को लेकर इन राज्यों को पत्र लिखने की तैयारी कर रहा है। मकसद यह कि कोरोना काल के बाद इन मार्गों पर भी निजी बसों का संचालन शुरू किया जा सके।
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच वर्ष 2019 में परिवहन समझौता हुआ था। इस दौरान यह बात सामने आई कि दोनों राज्यों के सीमांत क्षेत्रों में कई मार्ग ऐसे हैं, जिनका कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश और कुछ हिस्सा उत्तराखंड से गुजर कर वापस मूल प्रदेश में आ जाता है। इन मार्गों पर संबंधित प्रदेश के राज्य परिवहन प्राधिकरण द्वारा परमिट जारी किया जाता है। काफी लंबे समय से इन परमिट धारकों की यह शिकायत थी कि जब भी वे दूसरे प्रदेश की सीमा से होकर गुजरते हैं, तो उनका चालान कट जाता है। राज्य परिवहन प्राधिकरण ने इस पर कुछ समय पहले निर्णय लिया कि ऐसे मार्ग, जिनके दोनों छोर उत्तराखंड में हैं और उत्तर प्रदेश में आने वाला हिस्सा 16 किमी से कम है, ऐसे मार्गों पर परमिट व टैक्स की शर्तों पर छूट देने के संबंध में उत्तर प्रदेश से वार्ता की जाएगी।
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इसके अलावा सीमांत क्षेत्रों में फैक्ट्री व स्कूल की बसों को परमिट देने पर भी चर्चा होगी। इसी तरह के कुछ मार्ग हिमाचल में भी हैं, जिन पर उत्तराखंड के वाहन हिमाचल के मार्गों से होते हुए फिर उत्तराखंड के कस्बों तक पहुंचते हैं। यहां भी परमिट की दिक्कतें है। ऐसे में परिवहन विभाग इन दोनों ही राज्यों को पत्र भेजने की तैयारी कर रहा है। उप परिवहन आयुक्त एसके ङ्क्षसह का कहना है कि उत्तर प्रदेश के साथ हुए बस समझौते के बाद अब कुछ ङ्क्षबदुओं पर संशोधन की आवश्यकता महसूस हो रही है। जल्द ही इस संबंध में उत्तर प्रदेश से वार्ता की जाएगी। इसी तरह हिमाचल को भी इस संबंध में पत्र भेजा जाएगा।
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