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स्टेट जीएसटी में इस दफा तबादलों पर मनमर्जी की तैयारी, पढ़िए पूरी खबर

स्टेट जीएसटी) में इस दफा में तबादलों में मनमर्जी की तैयारी कर ली गई है। कहने को तबादलों के लिए काउंसलिंग रखी गई जबकि यह पहले से ही तय कर लिया गया कि किसको कहां भेजना है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 06:00 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 06:00 PM (IST)
स्टेट जीएसटी में इस दफा तबादलों पर मनमर्जी की तैयारी, पढ़िए पूरी खबर
स्टेट जीएसटी में इस दफा तबादलों पर मनमर्जी की तैयारी, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। राज्य माल और सेवा कर विभाग (स्टेट जीएसटी) में इस दफा में तबादलों में मनमर्जी की तैयारी कर ली गई है। कहने को तबादलों के लिए रविवार को काउंसलिंग रखी गई, जबकि भीतरखाने यह पहले से ही तय कर लिया गया है कि किसको कहां भेजना है। गंभीर यह भी कि वार्षिक स्थानांतरण के तहत 10 फीसद के मानक का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। यह सब उस स्थिति में किया जा रहा है, जब विभागीय मुखिया आयुक्त राज्य कर का भी नियंत्रण नहीं है। क्योंकि उन्हें अभी भारत निर्वाचन आयोग ने रिलीव नहीं किया है। 

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नियमों के तहत कुल कार्मिकों में से 10 फीसद का स्थानांतरण किया जाना है। इसके लिए सुगम से दुर्गम, दुर्गम से सुगम व अनुरोध आधारित तबादले किए जाने हैं। इसके लिए रविवार को ऑनलाइन काउंसिलिंग की जानी है। इसमें यह भी देखा जाना है कि कौन कार्मिक कितने समय किस स्थल पर तैनात रहा। अब उपायुक्त पदों के स्थानांतरण पर ही नजर डालें तो चार आवेदन आए हैं और 10 फीसद का फॉमरूला लगाने पर एक का भी तबादला नहीं होना है। फिर भी विभाग ने दो उपायुक्तों के तबादले की तैयारी कर ली है। इसके लिए एक्ट से विचलन (इससे इतर कार्रवाई) किया जाना है और इसके लिए भी विचलन प्रस्ताव तैयार करने का नियम है। इसे भी अधिकारियों ने तैयार नहीं किया।

नियमों के साथ मनमर्जी का आलम

यह भी नजर आता है कि पूर्व में विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर कहा है कि उपायुक्तों को दुर्गम में तैनाती नहीं दी जाएगी, जबकि एक्ट में सिर्फ कार्मिकों के स्थानांतरण भी बात है, न कि पद विशेष की। यहां पर सवाल यह भी खड़ा होता है कि उपायुक्तों को क्यों दुर्गम से छूट दी जानी चाहिए। इसके अलावा भी तबादलों में मनमानी करने के लिए काउंसिलिंग की समिति में उच्चाधिकारियों की जगह समान बैच के अधिकारियों को रखा गया है। उदाहरण के लिए उपायुक्तों की काउंसलिंग का जिम्मा उपायुक्त और सहायक आयुक्त के लिए इसी श्रेणी के अधिकारी तैनात किए गए हैं। बेहतर होता कि एक या दो रैंक ऊपर के अधिकारियों को इसका जिम्मा सौंपा जाता।

राज्य कर आयुक्त सौजन्या का कहना है मुझे अभी भारत निर्वाचन आयोग ने रिलीव नहीं किया, लिहाजा इस बारे में मेरे लिए कुछ भी कहना संभव नहीं है। 

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