Top Dehradun News of the day, 6th December 2019: कैबिनेट में कई अहम फैसलों पर मुहर, कैबिनेट में कई अहम फैसलों पर मुहर, छात्रवृत्ति घोटाले में गांव-गांव फैला था संस्थान के एजेंटों का जाल
दून में तीन खबरें चर्चा में रहीं। कैबिनेट में कई अहम फैसलों पर मुहर कैबिनेट में कई अहम फैसलों पर मुहर छात्रवृत्ति घोटाले में गांव-गांव फैला था संस्थान के एजेंटों का जाल।
देहरादून, जेएनएन। देहरादून में शुक्रवार को तीन खबरें चर्चा में रहीं। पहली, कैबिनेट बैठक में राजकीय और स्वैच्छिक गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों को सरकारी और गैर सरकारी सेवाओं में पांच फीसद क्षैतिज आरक्षण का फैसला लिया गया। वहीं, राजकीय और स्वैच्छिक गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों को सरकारी और गैर सरकारी सेवाओं में पांच फीसद क्षैतिज आरक्षण का फैसला लिया गया। इधर, एकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज प्रेमनगर में हुए अनुसूचित जाति जनजाति की छात्रवृत्ति के 4.31 करोड़ रुपये के घोटाले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
कैबिनेट में कई अहम फैसलों पर मुहर
कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। एक ओर जहां राजकीय और स्वैच्छिक गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों को सरकारी और गैर सरकारी सेवाओं में पांच फीसद क्षैतिज आरक्षण का फैसला लिया गया। तो वहीं, उत्तराखंड पशुधन विभाग लिपिक वर्ग सेवा नियमावली को मंजूरी मिली है।
कैबिनेट में कई अहम फैसलों पर मुहर
भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अभेद सुरक्षा के बीच शनिवार को पासिंग आउट परेड आयोजित की जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बतौर रिव्यूइंग अफसर परेड की सलामी लेंगे। वह शुक्रवार शाम आइएमए पहुंच गए हैं। अफगानिस्तान, भूटान, तजाकिस्तान, मारीशस, श्रीलंका, नेपाल आदि देशों के अतिथि और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहेंगे। पासिंग आउट परेड के बाद 377 जेंटलमैन कैडेट देश-विदेश की सेना का हिस्सा बन जाएंगे। इनमें 306 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिलेंगे।
छात्रवृत्ति घोटाले में गांव-गांव फैला था संस्थान के एजेंटों का जाल
एकेडमी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज प्रेमनगर में हुए अनुसूचित जाति जनजाति की छात्रवृत्ति के 4.31 करोड़ रुपये के घोटाले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच में एसआइटी ने पाया कि यहां फेल छात्रों को उत्तीर्ण दिखा कर उनके नाम पर छात्रवृत्ति निकाली गई। यही नहीं, कॉलेज ने बाकायदा एजेंट बना रखे थे, जो गांव-गांव घूमकर छात्रों से संपर्क करते और उनके दस्तावेज लेकर उनके नाम पर छात्रवृत्ति लेकर खुद डकार जाते थे।