Top Dehradun News of the day, 13th October 2019, निर्माणाधन बिल्डिंग से गिरकर विवाहिता की मौत, अनिल अंबानी ने किए बदरी-केदार के दर्शन, उत्तराखंड परिवहन निगम की नई बसों का पंजीकरण अटका
दून में तीन खबरें चर्चा में रहीं। निर्माणाधन बिल्डिंग से गिरकर विवाहिता की मौत अनिल अंबानी ने किए बदरी-केदार के दर्शन और उत्तराखंड परिवहन निगम की नई बसों का पंजीकरण अटका।
देहरादून, जेएनएन। देहरादून में रविवार को तीन खबरें चर्चा में रहीं। पहली, दून के बंसत बिहार थाना इलाके में एक महिला की हत्या कर शव को तीसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल अंबानी ने बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। वह अगले वर्ष पूजा में उपयोग होने वाले चंदन का खर्च वहन करेंगे। इधर, उत्तराखंड परिवहन निगम की नई बसों का पंजीकरण तकनीकी अड़चनों के कारण फंस गया है।
निर्माणाधन बिल्डिंग से गिरकर विवाहिता की मौत
विजय पार्क स्थित निर्माणाधीन बिल्डिंग की चौथी मंजिल से संदिग्ध परिस्थितियों में गिरकर विवाहिता की मौत हो गई। घटना के दौरान उसके दो दोस्त भी बिल्डिंग में मौजूद थे। वसंत विहार पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करते हुए उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। रात के दो बजे जिस समय घटना की सूचना फ्लैश हुई, उस समय एसएसपी अरुण मोहन जोशी अपने कैंप कार्यालय पर प्रेमनगर लूटकांड को लेकर बैठक कर रहे थे। उन्होंने तत्काल एसपी सिटी व अन्य अधिकारियों को मौके के लिए रवाना किया।
अनिल अंबानी ने किए बदरी-केदार के दर्शन
प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल अंबानी ने बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। वह अगले वर्ष पूजा में उपयोग होने वाले चंदन का खर्च वहन करेंगे। इस बारे में उन्होंने श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों से वार्ता भी की। बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि प्रत्येक वर्ष अनिल अंबानी पूजा के लिए चंदन मुहैया कराते हैं।
उत्तराखंड परिवहन निगम की नई बसों का पंजीकरण अटका
उत्तराखंड परिवहन निगम की नई बसों का पंजीकरण तकनीकी अड़चनों के कारण फंस गया है। सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के नए नियम में सभी तरह के व्यावसायिक वाहनों में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) होना अनिवार्य है। निगम की नई बसें टाटा कंपनी से आई हैं। कंपनी ने जीपीएस लगी बसें तो उपलब्ध कराईं लेकिन जीपीएस उन कंपनियों के नहीं हैं, जो कंपनियां उत्तराखंड परिवहन मुख्यालय की ओर से पंजीकृत हैं। अब परिवहन निगम ने टाटा कंपनी को पत्र भेजकर उन कंपनियों के जीपीएस लगाने के लिए कहा है, जो उत्तराखंड में पंजीकृत हैं। जीपीएस बदलने के बाद ही बसें आरटीओ में पंजीकृत हो पाएंगी और फिर रूटों पर दौड़ सकेंगी।