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Top Dehradun News of the day, 10th November 2019: गरीब तबके और पीआरडी और उपनल कर्मियों को तोहफा, एतिहासिकता साबित करने में दून की अहम भूमिका, बच्चों को नहीं मिल रहा मिड-डे मील

दून में तीन खबरें चर्चा में रहीं। गरीब तबके और पीआरडी और उपनल कर्मियों को तोहफा एतिहासिकता साबित करने में दून की अहम भूमिका बच्चों को नहीं मिल रहा मिड-डे मील।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 07:13 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 07:13 PM (IST)
Top Dehradun News of the day, 10th November 2019: गरीब तबके और पीआरडी और उपनल कर्मियों को तोहफा, एतिहासिकता साबित करने में दून की अहम भूमिका, बच्चों को नहीं मिल रहा मिड-डे मील
Top Dehradun News of the day, 10th November 2019: गरीब तबके और पीआरडी और उपनल कर्मियों को तोहफा, एतिहासिकता साबित करने में दून की अहम भूमिका, बच्चों को नहीं मिल रहा मिड-डे मील

देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश के गरीब तबके और पीआरडी व उपनल कर्मियों को सौगात दी है। न्होंने वृद्धावस्था, दिव्यांग व विधवा पेंशन में प्रतिमाह 200 रुपये की बढ़ोतरी करने और पीआरडी और उपनल कर्मचारियों के मानदेय को बढ़ाकर 500 रुपये करने की घोषणा की। वहीं, वर्ष 2003 में जब दूसरी दफा इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर राम जन्मभूमि वाले हिस्से की खुदाई की गई, तब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की टीम में देहरादून स्थित विज्ञान शाखा के अधिकारी भी शामिल थे। खुदाई में जो मूर्तियां व मंदिर के अवशेष मिले, विज्ञान शाखा ने न सिर्फ उनका केमिकल ट्रीटमेंट किया, बल्कि यह भी बताया कि उनकी अवधि क्या है। इधर, मिड-डे मील योजना पर स्कूलों के शिक्षक पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। प्रदेश भर से मिड-डे मील में गड़बड़ी को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं।

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गरीब तबके और पीआरडी और उपनल कर्मियों को तोहफा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश के गरीब तबके और पीआरडी व उपनल कर्मियों को सौगात दी है। उन्होंने वृद्धावस्था, दिव्यांग व विधवा पेंशन में प्रतिमाह 200 रुपये की बढ़ोतरी करने और पीआरडी और उपनल कर्मचारियों के मानदेय को बढ़ाकर 500 रुपये करने की घोषणा की। अभी तक वृद्धावस्था पेंशन एक हजार रुपये और पीआरडी व उपनल कर्मियों का मानदेय 450 रुपये था। उन्हें यह बढ़ा हुआ मानदेय एक जनवरी 2020 से मिलना शुरू होगा।

एतिहासिकता साबित करने में दून की अहम भूमिका

वर्ष 2003 में जब दूसरी दफा इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर राम जन्मभूमि वाले हिस्से की खुदाई की गई, तब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की टीम में देहरादून स्थित विज्ञान शाखा के अधिकारी भी शामिल थे। खुदाई में जो मूर्तियां व मंदिर के अवशेष मिले, विज्ञान शाखा ने न सिर्फ उनका केमिकल ट्रीटमेंट किया, बल्कि यह भी बताया कि उनकी अवधि क्या है। वर्ष 1994 में विज्ञान शाखा के निदेशक रहे व वर्ष 2004 में संयुक्त महानिदेशक पद से रिटायर डॉ. आरके शर्मा बताते हैं कि आज उनके कार्यालय की मेहनत सार्थक हो गई है। विज्ञान शाखा ने बताया था कि मंदिर के अवशेष व मूर्तियों की अवधि 13वीं शताब्दी तक की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जिन आधार पर अपना फैसला सुनाया, उसमें एएसआइ की रिपोर्ट भी प्रमुख है। वर्ष 1992 में ढहाये गए विवादित ढांचे को लेकर यह तथ्य पहले से ही साफ था कि इसका निर्माण 16वीं सदी में किया गया है। यानी कि इसके नीचे मंदिर के जो भग्नावशेष मिले, वह पहले के हैं।

बच्चों को नहीं मिल रहा मिड-डे मील 

मिड-डे मील योजना पर स्कूलों के शिक्षक पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। प्रदेश भर से मिड-डे मील में गड़बड़ी को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। ताजा मामला रायपुर ब्लॉक के सुभाषनगर स्थित प्राथमिक विद्यालय का है। यहां बच्चों को रोजाना मिड-डे मील नहीं दिया जा रहा। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग ने जांच बैठा दी है। 

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