Top Dehradun News of the day, 10th December 2019: उत्तराखंड में भारी बर्फबारी और बारिश की चेतावनी, उत्तराखंड को जीत के लिए 385 रनों की दरकार, देश के सर्वाधिक प्रदूषित टॉप-10 शहरों में दून भी
दून में तीन खबरें चर्चा में रहीं। उत्तराखंड में भारी बर्फबारी और बारिश की चेतावनी उत्तराखंड को जीत के लिए 385 रनों की दरकार देश के सर्वाधिक प्रदूषित टॉप-10 शहरों में दून भी।
देहरादून, जेएनएन। देहरादून में मंगलवार को तीन खबरें चर्चा में रहीं। पहली, उत्तराखंड में 12 और 13 दिसंबर को कहीं तेज बारिश तो कहीं भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है। वहीं, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के बीच खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी टेस्ट मैच में उत्तराखंड को जीत के लिए 385 रनों की दरकार है। इधर दून की हवा लगातार प्रदूषित होती जा रही है।
उत्तराखंड में भारी बर्फबारी और बारिश की चेतावनी
उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम करवट लेने लगा है। पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों में बुधवार को आंशिक रूप से लेकर घने बादल छाये रहे सकते हैं, जबकि रात के समय कुछ जिलों में हल्की बारिश के आसार बन रहे हैं। वहीं, 12 और 13 दिसंबर को प्रदेश में कहीं तेज बारिश तो कहीं भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है।
उत्तराखंड को जीत के लिए 385 रनों की दरकार
उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के बीच खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी टेस्ट मैच में उत्तराखंड को जीत के लिए 385 रनों की दरकार है। दूसरे दिन उत्तराखंड अपनी पहली पारी में कुल 84 रनों पर सिमट गई। जम्मू-कश्मीर ने दूसरी पारी में 304 रन बनाकर उत्तराखंड को जीत के लिए 403 रनों का लक्ष्य दिया। दूसरे दिन के स्टंप तक उत्तराखंड ने तीन विकेट गंवाकर 18 रन बना लिए हैं। अभी तक के मुकाबले में जम्मू-कश्मीर के गेंदबाज और बल्लेबाज उत्तराखंड पर हावी रहे हैं।
देश के सर्वाधिक प्रदूषित टॉप-10 शहरों में दून भी
एक दौर में दून और सुकून के बीच गहरा रिश्ता था। यहां की आबोहवा स्वच्छ होने से इसे रिटायर्ड लोगों का शहर भी कहा जाता। दूर तक जहां भी नजर जाती आम-लीची से लकदक बाग और फसलों से लहलहाते खेत नजर आते थे। फिर वर्ष 2000 में उत्तराखंड पृथक राज्य बना और दून राजधानी। इसके बाद शहरीकरण की अनियंत्रित दौड़ में दून और सुकून के बीच का फासला बढ़ता चला गया। जनसंख्या में 40 फीसद से अधिक का इजाफा हो चुका है और वाहनों की संख्या 300 फीसद से भी अधिक दर से बढ़कर नौ लाख का आंकड़ा छूने जा रही है। इस सबका सर्वाधिक असर यहां की स्वच्छ हवा पर पड़ा, जिसमें रेस्पायरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (श्वसनीय ठोस निलंबित कण) यानी पीएम-10 व 2.5 की मात्रा मानक से चार गुना तक बढ़ गई है।