दो विभागों की अनदेखी, गरीब छात्रों पर इस तरह पड़ी भारी; नहीं कर पाए छात्रवृत्ति के लिए आवेदन
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि और समाज कल्याण विभाग की अनदेखी गरीब छात्रों पर भारी पड़ रही है। प्रदेश के विभिन्न कालेजों में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति जनजाति व ओबीसी के हजारों छात्र इस बारे छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं भर पाए।
जागरण संवाददाता, देहरादून। समाज कल्याण विभाग और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की अनदेखी हजारों गरीब छात्रों पर न केवल भारी पड़ रही है, बल्कि छात्रवृत्ति प्राप्त करने जैसे उनके नैतिक अधिकार से उन्हें रोका गया है।
प्रदेश के अनुसूचित जाति जनजाति व ओबीसी के सैंकड़ों छात्र दून के चार बड़े कालेज डीएवी, डीबीएस, श्रीगुरू राम राय पीजी कालेज व एमकेपी पीजी कालेज के साथ-साथ राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता रायपुर में स्नातक व स्नातकोत्तर के विभिन्न सेमेस्टर में पढ़ाई कर रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर इन छात्रों को राज्य व केंद्र सरकार की ओर से समाज कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति दी जाती है। इस साल कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण परीक्षा लेट हुई, जिससे परिणाम घोषित होने में भी महीने लग गए। इस बीच समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति के आवेदन के लिए पात्र छात्रों को 30 नवंबर का समय निर्धारित किया। लेकिन इस तिथि तक पचास प्रतिशत छात्र-छात्राओं के सेमेस्टर परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुए थे। ऐसे में उन्हीं छात्रों ने आवेदन किया, जिनके परीक्षा परिणाम घोषित हो चुके हैं। इस समस्या को डीएवी के छात्र-छात्राओं ने धरना-प्रदर्शन कर प्राचार्य डा. अजय सक्सेना के समक्ष भी उठाया, छात्रों की वाजिब मांग को देखते हुए प्राचार्य ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को पत्र लिखा और तिथि बढ़ाने की मांग की। लेकिन तिथि नहीं बढ़ाई गई।
डीएवी कालेज छात्रसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष निखिल शर्मा ने कहा कि इस बारे में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के कुलसचिव को सभी जिलों के जिला समाज कल्याण अधिकारी का पत्र भेजकर सूचित करना चाहिए था कि परीक्षा परिणाम देर में घोषित होने के कारण आवेदन के तिथि बढ़ाई जाए। लेकिन न विवि और न जिला समाज कल्याण अधिकारी ने संज्ञान लिया। आज सैंकड़ों गरीब छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति से वंचित रह गए हैं।
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