दून में चीनी उत्पादों की हवा टाइट, स्वदेशी उत्पादों ने बनार्इ जगह
इसबार दीपावली पर राजधानी देहरादून में चीन का सामान नाम मात्र नजर आ रहा है। यहां स्वदेशी सामानों की भरमार है। जिसे खरीदने में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है।
देहरादून, [जेएनएन]: दीपावली को लेकर बाजार में चाइनीज लड़ियां और झालर समेत तमाम सजावटी उत्पाद अब सिमट कर सिर्फ 40 फीसद पर आ गई है। पिछले सालों में चीन का पूरी तरह बाजार पर कब्जा होता था। खास बात ये है कि जो माल बाजार में है भी, उसकी भी डिमांड नहीं है। खरीददारी के लिए आने वाला हर व्यक्ति भारत में निर्मित उत्पाद ही मांग रहा है। चाइनीज के मुकाबले इनकी दाम कुछ ज्यादा भी हैं, लेकिन लोगों को इससे फर्क नहीं पड़ रहा। इससे उन दुकानदारों के माथे पर बल है, जो चाइनीज उत्पाद लाए हैं। हालांकि, दुकानदारों का कहना है कि चाइनीज माल पुराना पड़ा हुआ था, इस बार सिर्फ 'मेक इन इंडिया' उत्पादों को ही तरजीह दी है।
डोकलाम विवाद के बाद लोगों में चीन प्रति ज्यादा गुस्सा है। लोग जेब पर ज्यादा भार डालना तो मंजूर कर रहे हैं, लेकिन किसी भी कीमत पर चाइनीज उत्पाद उन्हें मंजूर नहीं। पलटन बाजार स्थित भारद्वाज इलेक्ट्रॉनिक्स के विरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि पिछले साल तक भारत में लड़ियों-झालर का निर्माण बहुत ज्यादा नहीं था। दुकानदारों की मजबूरी थी कि वो चाइनीज उत्पाद लाकर बेचें और लोगों के पास भी विकल्प कम ही थे। लेकिन, इस बार स्थिति ऐसी नहीं है। बाजार में भारत निर्मित सजावटी उत्पादों की भरमार है। भले ही थोड़े दाम ज्यादा हों, लेकिन गुणवत्ता चाइनीज उत्पादों से काफी बेहतर है। व्यापारी पंकज चावला ने बताया कि अगले साल तक चाइनीज उत्पाद मार्केट से पूरी तरह गायब हो जाएंगे। लेकिन, अगर चीनी उत्पाद नहीं बिके तो नुकसान चीन के बजाय व्यापारियों का होगा।
बिजली खपत भी कम
व्यापारी प्रमोद गोयल ने बताया कि चाइनीज इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों के मुकाबले भारत में निर्मित उत्पादों में बिजली की खपत भी काफी कम है। क्योंकि, इसमें एलईडी बल्बों का इस्तेमाल हुआ है।
ये हैं रेट
चाइनीज लड़ियां, 40 से 120 रुपये तक
इंडियन लड़ियां, 60 से 180 रुपये तक
पाइप लड़ियां, 1500 से 2000 (50 मीटर)
एलईडी बल्ब, 50 से 800 रुपये तक
देश के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी
पलटन बाजार की दुकान पर पहुंचे ग्राहक अभिषेक ऋषि ने कहा कि देश के कुछ करने की जिम्मेदारी सरकार और सैनिकों की ही नहीं है। हमारी भी जिम्मेदारी बनती है। चीन हमारा दुश्मन है, इसलिए चीनी उत्पादों का पूरी तरह बहिष्कार करना चाहिए। निखिल आर्य ने कहा कि चाइनीज उत्पाद का कोई भरोसा भी नहीं होता और हमें अगर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है तो भारत में निर्मित उत्पादों को तरजीह देनी चाहिए।
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