कोरोना संकट के इस काल में मोर्चे में डाटे हुए हैं ये योद्धा
कोरोना महामारी में हर कोई योद्धा है। सब अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभा रहे हैं तो ऐसे लोग भी हैं जो निस्वार्थ भाव से सेवा में लगे हुए हैं।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना महामारी में हर कोई योद्धा है। सब अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभा रहे हैं, तो ऐसे लोग भी हैं जो निस्वार्थ भाव से सेवा में लगे हुए हैं। इन्हीं लोगों में से हैं गांधी नेत्र चिकित्सालय में लैब सहायक के पद पर कार्यरत संदीप गुप्ता, इंस्पेक्टर सूर्यभूषण नेगी, देहरादून पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के महासचिव सचिन गुप्ता और ममता सामाजिक संस्था के प्रमुख जेएम सिंह।
सैंपल लेने के साथ ही लोगों को खिला रहे हैं खाना
गांधी नेत्र चिकित्सालय में लैब सहायक के पद पर कार्यरत संदीप गुप्ता पैथोलॉजी में मरीजों के सैंपल लेने का कार्य करते हैं, पर वह मानते हैं कि मन में अगर कुछ अलग करने की चाह हो तो रास्ते खुद बन जाते हैं। एक दिन अस्पताल से घर लौटते हुए उन्होंने हरिद्वार रोड पर जब मजदूरों की भीड़ देखकर पूछताछ की तो पता चला कि ये लोग खाने के लिए खड़े हैं। गुप्ता ये बात सोचकर पूरी रात सो नहीं सके। अगले दिन सुबह जल्दी उठकर धर्मपत्नी से सारी बात कही व कुछ भोजन के पैकेट बनाने को भी कहा। बस फिर क्या, रोजाना से सिलसिला शुरू हो गया। बीते 41 दिन से वे रोज घर अस्पताल जाते हुए रास्ते में मिलने वाले हर गरीब को खाने के पैकेट बांटते हैं।
सबसे बड़ा क्षेत्र, चुनौती भी बड़ी
शहर व देहात के थानों में सबसे बड़ा क्षेत्र पटेलनगर कोतवाली का है, जो कि शहर से लेकर नयां गांव तक फैला हुआ है। मिश्रित आबादी के कारण यह थाना क्षेत्र संवेदनशील भी है। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाने में इंस्पेक्टर सूर्यभूषण नेगी का अहम योगदान है। इस दौरान जब आजाद कॉलोनी, मुस्लिम कॉलोनी का कुछ हिस्सा, कारगीग्रांट और चमन विहार में कोरोना के मरीज मिले तो उन क्षेत्रों को लॉक किया गया। इसके बाद जिम्मेदारी और बढ़ गई। इन क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना चुनौती थी। वह बताते हैं कि इसी भागदौड़ में वह पिछले डेढ़ महीने से अपने परिवार से भी नहीं मिल पाए हैं।
संक्रमण रोकने को चलाई मुहिम
पेट्रोल पंप पर रोजाना सैकड़ों लोग पेट्रोल डीजल भरवाने आते हैं। आवश्यक सेवाओं में शामिल होने के चलते पेट्रोल पंपों पर ताले भी नहीं लगाए जा सकते। ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण पर रोकथाम के लिए देहरादून पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के महासचिव सचिन गुप्ता ने पेट्रोल पंप संचालकों के साथ मिलकर 'नो मास्क नो फ्यूल' मुहिम शुरू की। इस मुहिम को खूब सराहना मिली। सचिन गुप्ता एसोसिएशन के साथ लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही जरूरतमंदों को कच्चा राशन बांटने के साथ ही मास्क और सेनिटाइजर भी बांट रहे हैं। सचिन का मानना है कि व्यवसाय तो कभी भी हो सकता है लेकिन ऐसी संकट की घड़ी में जरूरतमंद लोगों की मदद करना सबसे जरूरी है।
खुद पीड़ित पर जनसेवा में जुटे
खुद कैंसर से पीड़ित, लेकिन समाजसेवा की ऐसी अलख जो शायद ही कभी खत्म हो। ऐसे हैं वरिष्ठ नागरिक जेएम सिंह, जो पिछले 35 साल से समाजसेवा में योगदान दे रहे हैं। ममता सामाजिक संस्था के प्रमुख जेएम सिंह कोरोना काल में अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर वरिष्ठजनों, विधवा महिलाओं, विकलांगों और गरीब नागरिकों को सहायता व राहत पहुंचाने में लगे हुए हैं। लॉकडाउन का पालन करते हुए वह फोन के जरिये अपने मित्रों, परिवारजनों व सहयोगी सदस्यों के माध्यम से आवश्यक सामग्री जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं। हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन कर ऐसे बुजुर्गों की सहायता कर रहे हैं, जो अपने घरों पर अकेले रहते हैं और बीमार भी हैं। जरूरतमंद लोगों तक न केवल खाद्य सामग्री, बल्कि मास्क व सेनिटाइजर भी उपलब्ध करा रहे। अब तक करीब 300 परिवारों को राहत पहुंचा चुके हैं।
नरेश कुमार व सचिन सिंह चुने गए कोरोना वारियर
लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को भोजन आदि देने के लिए कई लोग निस्वार्थ सेवा के लिए आगे आ रहे हैं। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी भी पूरे समर्पण के साथ काम कर रहे हैं। ऐसे कोरोना योद्धाओं को जिलाधिकारी प्रतिदिन कोरोना वारियर ऑफ-डे के रूप में सम्मानित कर रहे हैं। सोमवार को सिविल सोसायटी से श्री सत्यसाईं मंदिर समिति सुभाषनगर के अध्यक्ष नरेश कुमार धीर को यह पुरस्कार दिया गया। उन्होंने लॉकडाउन में निर्धन परिवारों के लिए भोजन तैयार कर जिला प्रशासन का सहयोग किया। शासकीय श्रेणी से नगर निगम ऋषिकेश के सफाई निरीक्षक सचिव सिंह रावत को कोरोना वारियर चुना गया। सचिन रावत ने लॉकडाउन अवधि में सफाई व्यवस्था, सेनिटाइजेशन कार्य व सिटी रिस्पांस टीम के सदस्य के रूप में अपने दायित्वों अच्छे से निभाया।
परिवहन निगम ड्राइवर व कंडक्टर भी कोरोना योद्धा
शासन ने अब देश के विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों को लाने के लिए इस्तेमाल की जा रही बसों के ड्राइवर व कंडक्टर को भी कोरोना योद्धाओं की श्रेणी में लेने का निर्णय लिया है। इससे इन्हें भी अब किसी आपदा की सूरत में सम्मान राशि प्राप्त हो सकेगी। प्रदेश सरकार ने कोरोना से जंग में लगे स्वास्थ्य, निगम, पेयजल, ऊर्जा, सफाई कॢमयों समेत विभिन्न लोगों को कोरोना योद्धा की श्रेणी में लिया है।
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कोरोना से जंग के दौरान संक्रमण होने पर इनके पूरे इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। इसके साथ ही यदि किसी की कोरोना से मौत हो जाती है तो उसके परिवार को दस लाख रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी। इसमें अभी तक परिवहन निगम के ड्राइवर व कंडक्टर शामिल नहीं थे। सचिव परिवहन शैलेश बगोली ने बताया कि अब इन्हें भी कोरोना योद्धाओं की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है।
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