कांग्रेस ने एक दिन के विधानसभा सत्र का किया विरोध, सोमवार को होगी विधानमंडल दल की बैठक
विधानसभा के 23 सितंबर से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र के मद्देनजर विधान मंडल नेताओं की बैठक रविवार को विधानसभा से सभागार में हुई।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष करन महरा ने विधानसभा सत्र एक दिन आहूत करने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जनता के प्रति अपनी जवाबदेही से सरकार भाग नहीं सकती। उन्होंने न्यूनतम तीन दिन विधानसभा सत्र चलाने पर जोर दिया। उधर, कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक सोमवार को विधानसभा में बुलाई गई है।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के कोरोना संक्रमित होने की वजह से रविवार को विधानसभा में सर्वदलीय बैठक और कार्यमंत्रणा समिति में उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा और वरिष्ठ विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल शामिल हए। करन महरा ने बताया कि विधानसभा सत्र को भले ही वर्चुअल तरीके से चलाया जाए, लेकिन इसकी अवधि न्यूनतम तीन दिन होनी चाहिए। उन्होंने 23 सितंबर को एक दिनी सत्र आयोजित करने को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सत्र को लेकर अपने वायदे से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार यौन उत्पीड़न के आरोपी सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक के मामले में जवाबदेही से बचना चाहती है। इसलिए सत्र की अवधि मात्र एक दिन रखी गई है। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में सीमांत क्षेत्रों की उपेक्षा हो रही है। आपदा प्रभावित क्षेत्र धारचूला में जानमाल का व्यापक नुकसान होने के बावजूद सरकार चुप्पी साधे है।
मुख्यमंत्री वहां दौरा करते हैं, लेकिन प्रभावितों से नहीं मिले। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों के नागरिकों में सरकार के प्रति नाराजगी है। चीन के साथ सीमा पर तनाव के चलते ये संकेत अच्छे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं।मुख्यमंत्री के ओएसडी की पत्नी की मृत्यु के बाद उनके स्वजनों को अस्पताल में परेशानी का सामना करना पड़ा।नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को भी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में कोताही बरती गई। कांग्रेस बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी। कांग्रेस विधानमंडल दल की सोमवार को बैठक में विधानसभा सत्र के मद्देनजर रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।