Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड: इन जंगलों में है तितलियों का संसार, कई दुर्लभ श्रेणी की प्रजातियां भी शामिल

अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कार्बेट टाइगर रिजर्व व राजाजी नेशनल पार्क के मध्य अवस्थित लैंसडौन वन प्रभाग की पहचान हाथियों के कारण है। प्रभाग के जंगलों को बाघ के बेहतर प्राकृतावास के लिए भी जाना जाता है। प्रभाग में मौजूद चिड़‍ियों का अद्भुत संसार भी दुनिया के सामने आया है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 06:28 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 06:28 PM (IST)
उत्‍तराखंड: इन जंगलों में है तितलियों का संसार, कई दुर्लभ श्रेणी की प्रजातियां भी शामिल
तितलियों के इस अद्भुत संसार में तितलियों की कई ऐसी प्रजातियां भी हैं, जो दुर्लभ श्रेणी में हैं।

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कार्बेट टाइगर रिजर्व व राजाजी नेशनल पार्क के मध्य अवस्थित लैंसडौन वन प्रभाग की पहचान हाथियों के कारण है। प्रभाग के जंगलों को बाघ के बेहतर प्राकृतावास के लिए भी जाना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में प्रभाग में मौजूद चिड़‍ियों का अद्भुत संसार भी दुनिया के सामने आया है। लेकिन, इन जंगलों में मौजूद तितलियों के संसार पर आज तक किसी की नजर नहीं पड़ा है।

loksabha election banner

प्रभाग के जंगलों में मौजूद तितलियों के इस अद्भुत संसार में तितलियों की कई ऐसी प्रजातियां भी हैं, जो दुर्लभ श्रेणी में हैं। लैंसडौन वन प्रभाग की कोटड़ी, लालढांग व कोटद्वार रेंजों में तितलियों का एक ऐसा अनोखा संसार है, जिसमें ब्लू स्पॉट क्रो, ब्लू टाइगर, डार्क ब्रांडेड स्विफ्ट सहित कई अन्य दुर्लभ तितलियां मौजूद हैं।

जुलाई 2013 में लैंसडौन वन प्रभाग में बतौर ट्रेनी पहुंची आइएफएस नीतू शुभलक्ष्मी ने प्रभाग की कोटड़ी, दुगड्डा, लालढांग व कोटद्वार रेंजों में तितलियों का संसार को खोजा।

जनवरी 2014 तक प्रभाग में रही नीतू शुभलक्ष्मी स्वयं मानती थी कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान वे जहां तक पहुंच सकती थी, उन्होंने उन्हीं क्षेत्रों में तितलियों के बारे में जानकारी एकत्र की। उनका मानना है कि अपने अल्प कार्यकाल में उन्होंने तितलियों की 54 प्रजातियां देखी, जिनमें से कुछ दुर्लभ श्रेणी की भी हैं।

उनका स्पष्ट कहना है कि प्रभाग में तितलियों की अस्सी से अधिक प्रजातियां मौजूद हो सकती हैं। उन्होंने शासन में पत्र भेज प्रभाग में बटरफ्लाई पार्क बनाने की भी संस्तुति की। लेकिन, उनका यह पत्र सरकारी फाइलों में दबकर रह गया।

इन प्रजातियों की मिली जानकारी

लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार, कोटड़ी, लालढांग व दुगड्डा रेंजों में जिन तितलियों के बारे में जानकारी मिली है, वे लाएसीनिडी, पैपीलियोनॉएडी, पियरिडी, निम्फेलिडी, हैस्परायडी परिवार की तितलियां मौजूद हैं। यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि वर्तमान में उत्तराखंड में तितलियों की करीब 400 प्रजातियां मौजूद हैं, जिनमें से अस्सी से अधिक प्रजातियां लैंसडौन वन प्रभाग के जंगलों में मौजूद हैं।

यह भी पढ़ें- उत्‍तराखंड के पांच जिलों में वनावरण घटा, नैनीताल में सबसे ज्यादा बढ़ा; यहां देखें भारतीय वन सर्वेक्षण की ताजा रिपोर्ट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.