मांगों को लेकर ऊर्जा कार्मिकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
विभिन्न मांगों को लेकर ऊर्जा निगमों के कार्मिक मुखर हैं। इसको लेकर कार्मिक संगठनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। रविवार को आंदोलन की चेतावनी देते हुए संगठनों ने कई समस्याओं पर चर्चा की।
जागरण संवाददाता, देहरादून: विभिन्न मांगों को लेकर ऊर्जा निगमों के कार्मिक मुखर हैं। कार्मिक संगठनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। रविवार को आंदोलन की चेतावनी देते हुए संगठनों ने समस्याओं पर चर्चा की।
उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बबलू सिंह ने कहा कि अवर अभियंता संवर्ग की मुख्य मांगों को लेकर संगठन आवाज बुलंद करेगा। अवर अभियंता का प्रारंभिक ग्रेड वेतन जनवरी 2006 से 4800 किया जाना, अवर अभियंता से सहायक अभियंता पद पर प्रोन्नति कोटा 58.33 प्रतिशत किया जाना, एसीपी में 9, 5, 5 साल की पूर्व व्यवस्था को यथावत लागू किया जाना और जेई से एई एवं एई से ईई के रिक्त पदों पर प्रोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग की जा रही है। मगर कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में कार्मिकों के पास आंदोलन ही एकमात्र विकल्प बचा है। शीघ्र कोई कार्रवाई न होने पर सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा।
सहायक एवं अवर अभियंता पदों पर प्रतिनियुक्ति का विरोध
उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने ऊर्जा निगमों में रिक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति का विरोध किया है। मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि शासन की ओर से बीते चार दिसंबर को दिए गए सहायक और अवर अभियंता के रिक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति के आदेश कार्मिकों के हित में नहीं हैं। आरोप लगाया कि पहले निगम के कार्मिकों को अवसर देने के बजाय शासन बाहरी कार्मिकों को पदों पर नियुक्त करना चाहता है।
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रिक्त पदों पर पदोन्नति की मांग
उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ ने सहायक एवं अवर अभियंता पदों पर पदोन्नति की मांग की है। संघ के प्रधान महामंत्री प्रदीप कुमार कंसल ने कहा कि ऊर्जा निगम में सहायक अभियंता और अवर अभियंता के रिक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति पर तैनाती को शासन ने स्वीकृति दी है, जो उचित नहीं है। इससे पहले निगम के कुशल कार्मिकों को अवसर प्रदान किया जाना चाहिए।
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