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नए बजट से पहले पीएलए में जमा धन होगा खर्च, पढ़िए पूरी खबर

नए बजट के इस्तेमाल से पहले पीएलए खाते में जमा धनराशि को खर्च करना होगा। इस राशि को खर्च करने से पहले वित्त से अनुमति लेना जरूरी। साथ ही कैंपा में सरकार को मिली धनराशि को खर्च करने को सीएस की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की संस्तुति जरूरी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 01:45 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 04:56 PM (IST)
नए बजट से पहले पीएलए में जमा धन होगा खर्च, पढ़िए पूरी खबर
नए बजट से पहले पीएलए में जमा धन होगा खर्च, पढ़िए पूरी खबर।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। सरकारी विभागों को नए बजट के इस्तेमाल से पहले पीएलए खाते में जमा धनराशि को खर्च करना होगा। हालांकि इस राशि को खर्च करने से पहले वित्त से अनुमति लेना जरूरी होगा। साथ ही कैंपा में राज्य सरकार को मिली धनराशि को खर्च करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की संस्तुति जरूरी होगी। नए वित्तीय वर्ष 2021-22 में बजट के खर्च को लेकर जारी दिशा-निर्देशों में सरकार ने विभागों को सख्त हिदायतें दी हैं। इनकी अनदेखी विभागों को महंगी साबित होगी। 

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प्रदेश में बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में खर्च नहीं होने वाली बजट राशि को पीएलए खाते में डाला गया है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नए वित्तीय वर्ष के लिए स्वीकृत नए बजट से पहले विभागों को पीएलए खाते की राशि का उपयोग करना होगा। केंद्रपोषित योजनाओं, बाह्य सहायतितत योजनाओं, नाबार्ड पोषित और जिला योजना को छोड़कर पीएलए खाते की राशि को वित्त की अनुमति लेकर खर्च किया जा सकेगा। कैंपा फंड के इस्तेमाल को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। कैंपा की धनराशि केंद्र से राज्य सरकार को मिल चुकी है। 

कैंपा से संबंधित मदों में धनराशि को खर्च करने से पहले मुख्य सचिव समिति का अनुमोदन और वित्तीय नियमों का पालन जरूरी होगा। इसके बाद ही यह राशि जारी की जाएगी। 50 करोड़ से ज्यादा की बाह्य सहायतित योजनाओं के लिए विभागों को दो किस्तों में धन जारी किया जाएगा। इन योजनाओं के मामले में प्रशासकीय विभागों की जवाबदेही बढ़ाई गई है। विभागों को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में जारी की गई धनराशि की 70 फीसद प्रतिपूर्ति केंद्र सरकार से प्राप्त की जाए। 

वित्त सचिव अमित नेगी ने बताया कि नाबार्ड की वर्ष 2021-22 के लिए नई परियोजनाओं की स्वीकृति के लक्ष्य हाईपावर कमेटी निर्धारित कर चुकी है। विभागों को अब नई परियोजनाओं को शीघ्र कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा, ताकि उन्हें समय पर नाबार्ड से स्वीकृत किया जा सके। नाबार्ड से स्वीकृत नए निर्माण कार्यों के लिए धनराशि तीन चरणों में 40-40-20 फीसद के आधार पर जारी करने के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

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