Move to Jagran APP

सेमेस्टर की पढ़ाई में आड़े आ रही शिक्षकों की कमी, जानिए क्‍या कहते हैं छात्र

प्रदेश के सभी सहायता प्राप्त अशासकीय कालेजों में शिक्षकों की कमी सेमेस्टर पढ़ाई में आड़े हा रही है। अकेले डीएवी पीजी कालेज में पिछले पांच सालों से शिक्षकों के 52 पद रिक्त चल रहे हैं। बीएससी बीकाम और बीए की सेमेस्टर कक्षाओं के पाठ्यक्रम समय पर पूरे नहीं हो रहे।

By Sumit KumarEdited By: Published: Tue, 21 Dec 2021 08:04 PM (IST)Updated: Tue, 21 Dec 2021 10:12 PM (IST)
सेमेस्टर की पढ़ाई में आड़े आ रही शिक्षकों की कमी, जानिए क्‍या कहते हैं छात्र
प्रदेश के सभी सहायता प्राप्त अशासकीय कालेजों में शिक्षकों की कमी सेमेस्टर पढ़ाई में आड़े हा रही है।

जागरण संवाददाता, देहरादून : प्रदेश के सभी सहायता प्राप्त अशासकीय कालेजों में शिक्षकों की कमी सेमेस्टर पढ़ाई में आड़े हा रही है। अकेले डीएवी पीजी कालेज में पिछले पांच सालों से शिक्षकों के 52 पद रिक्त चल रहे हैं। जिससे बीएससी, बीकाम और बीए की सभी सेमेस्टर कक्षाओं के पाठ्यक्रम समय पर पूरे नहीं हो रहे हैं। ऐसे में छात्रों को स्वयं की तैयारी कर परीक्षा देना पड़ता है।

loksabha election banner

डीएवी ही नहीं डीबीएस, एमकेपी पीजी कालेज, श्रीगुरू राम राय पीजी कालेज व डब्ल्यूआइटी बीएड संस्थान में भी शिक्षकों की 30 से 35 प्रतिशत सीटें रिक्त होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं। इस बारे में बीएससी द्वितीय सेमेस्टर डीएवी की छात्रा रेखा शर्मा, जयप्रकाश चौहान, नितिन गैरोला, पार्वती नेगी आदि ने बताया कि सीबीसीएस सिस्टम में एक सेमेस्टर की थ्योरी की पढ़ाई 90 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से पूरी करनी है। इसके बाद 15-15 दिनों के प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी समय पर पूरी करनी होगी है। निर्णारित समय के भीतर परीक्षा, मूल्यांकन ओर परीक्षाफल जारी करना भी सेमेस्टर सिस्टम में जरूरी है। ताकि निर्धारित समय पर दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई प्रारंभ हो सके। यदि एक सेमेस्टर की पढ़ाई समय पर पूरी नहीं हुई तो दूसरे सेमेस्टर की समय सारिणी गड़बड़ा जाएगी।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में नर्सिंग और पैरामेडिकल के दाखिले हुए शुरू, जानिए क्या है आवेदन की अंतिम तिथि

यह संभव है यदि सभी विषयों के शिक्षक हों। एमकेपी पीजी कालेज की बीए अंतिम सेमेस्टर की छात्राएं सुनीता कुमारी, श्रीजा शैली, पूनम रावत, नेहा दुबे, कीर्ति राणा आदि ने बताया कि कालेज में शिक्षकों की कमी से उन्हें अपने कुछ विषय खुद ही पढ़ने पढ़ते हैं। ऐसे में बेहतर नंबर आने की संभावता तो दूर पासिंग माकर्स लाने मुश्श्किल हो जाते हैं।

डीएवी पीजी कालेज के प्राचार्य डा. अजय सक्सेना ने बताया कि हर वर्ष दो से तीन शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उनकी जगह पर कोई दूसरे शिक्षक की नियुक्ति नहीं होती है, ऐसे में साल-दर साल शिक्षकों के पद रिक्त होते जा रहे हैं। जिससे पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।

यह भी पढ़ें- देहरादून: खुद की मर्जी से किराया बढ़ाने के मामले में बस यूनियन ने रखा जवाब, आज सचिव से करेंगे मुलाकात


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.