सेमेस्टर की पढ़ाई में आड़े आ रही शिक्षकों की कमी, जानिए क्या कहते हैं छात्र
प्रदेश के सभी सहायता प्राप्त अशासकीय कालेजों में शिक्षकों की कमी सेमेस्टर पढ़ाई में आड़े हा रही है। अकेले डीएवी पीजी कालेज में पिछले पांच सालों से शिक्षकों के 52 पद रिक्त चल रहे हैं। बीएससी बीकाम और बीए की सेमेस्टर कक्षाओं के पाठ्यक्रम समय पर पूरे नहीं हो रहे।
जागरण संवाददाता, देहरादून : प्रदेश के सभी सहायता प्राप्त अशासकीय कालेजों में शिक्षकों की कमी सेमेस्टर पढ़ाई में आड़े हा रही है। अकेले डीएवी पीजी कालेज में पिछले पांच सालों से शिक्षकों के 52 पद रिक्त चल रहे हैं। जिससे बीएससी, बीकाम और बीए की सभी सेमेस्टर कक्षाओं के पाठ्यक्रम समय पर पूरे नहीं हो रहे हैं। ऐसे में छात्रों को स्वयं की तैयारी कर परीक्षा देना पड़ता है।
डीएवी ही नहीं डीबीएस, एमकेपी पीजी कालेज, श्रीगुरू राम राय पीजी कालेज व डब्ल्यूआइटी बीएड संस्थान में भी शिक्षकों की 30 से 35 प्रतिशत सीटें रिक्त होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही हैं। इस बारे में बीएससी द्वितीय सेमेस्टर डीएवी की छात्रा रेखा शर्मा, जयप्रकाश चौहान, नितिन गैरोला, पार्वती नेगी आदि ने बताया कि सीबीसीएस सिस्टम में एक सेमेस्टर की थ्योरी की पढ़ाई 90 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से पूरी करनी है। इसके बाद 15-15 दिनों के प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी समय पर पूरी करनी होगी है। निर्णारित समय के भीतर परीक्षा, मूल्यांकन ओर परीक्षाफल जारी करना भी सेमेस्टर सिस्टम में जरूरी है। ताकि निर्धारित समय पर दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई प्रारंभ हो सके। यदि एक सेमेस्टर की पढ़ाई समय पर पूरी नहीं हुई तो दूसरे सेमेस्टर की समय सारिणी गड़बड़ा जाएगी।
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यह संभव है यदि सभी विषयों के शिक्षक हों। एमकेपी पीजी कालेज की बीए अंतिम सेमेस्टर की छात्राएं सुनीता कुमारी, श्रीजा शैली, पूनम रावत, नेहा दुबे, कीर्ति राणा आदि ने बताया कि कालेज में शिक्षकों की कमी से उन्हें अपने कुछ विषय खुद ही पढ़ने पढ़ते हैं। ऐसे में बेहतर नंबर आने की संभावता तो दूर पासिंग माकर्स लाने मुश्श्किल हो जाते हैं।
डीएवी पीजी कालेज के प्राचार्य डा. अजय सक्सेना ने बताया कि हर वर्ष दो से तीन शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उनकी जगह पर कोई दूसरे शिक्षक की नियुक्ति नहीं होती है, ऐसे में साल-दर साल शिक्षकों के पद रिक्त होते जा रहे हैं। जिससे पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
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