आखिरी हफ्ते में लेना पड़ा 1000 करोड़ का कर्ज, जानिए क्या है पूरा मामला
वित्तीय वर्ष 2020-21 का आखिरी महीना मार्च और उसके आखिरी दो दिनों पर बजट की बड़ी धनराशि खर्च करने का दारोमदार आ पड़ा है। माना जा रहा है कि दो दिनों में करीब 900 करोड़ की राशि खर्च होनी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: वित्तीय वर्ष 2020-21 का आखिरी महीना मार्च और उसके आखिरी दो दिनों पर बजट की बड़ी धनराशि खर्च करने का दारोमदार आ पड़ा है। माना जा रहा है कि दो दिनों में करीब 900 करोड़ की राशि खर्च होनी है। उधर, प्रदेश सरकार वेतन व अन्य खर्चों के भुगतान को आखिरी हफ्ते में 1000 करोड़ कर्ज बाजार से उठाने को बाध्य हुई।
प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष में पुरानी परंपरा दोहराने को मजबूर हो गई। वर्ष के आखिरी महीने और फिर आखिरी दिनों में बजट की बड़ी धनराशि खर्च करने की नौबत रही। वित्तीय वर्ष 2020-21 के कुल बजट 57590.76 करोड़ में से 28 फरवरी तक विभागों को 38325.73 करोड़ की धनराशि मंजूर हो पाई थी। इसमें से विभाग सिर्फ 29552.78 करोड़ ही खर्च कर पाए। सरकार को इस बार दोहरी चुनौती से जूझना पड़ा है। खर्च के लिए काफी कम धनराशि मंजूर हो सकी। स्वीकृत धनराशि को खर्च करने की रफ्तार पर भी सुस्ती छाई रही। 28 फरवरी तक 8772.95 करोड़ खर्च करने की चुनौती विभागों के सामने थी। चालू महीने के आखिरी दो दिनों में बड़ी राशि खर्च करने की कवायद चल रही है।
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विभागीय सूत्रों के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते विभागों का कामकाज प्रभावित हुआ। बजट स्वीकृति और खर्च पर असर पड़ा है। डेढ़ दर्जन अहम विभाग खर्च के लिए धनराशि स्वीकृत करने में ही पीछे रह गए। अंतिम दो दिन मंगलवार और बुधवार को विभागों में धनराशि खर्च को लेकर मशक्कत की जा रही है। उधर सरकार को आखिरी महीने के आखिरी हफ्ते में बाजार से कर्ज लेना पड़ा है। विभागों को खर्च के लिए धन की जरूरत और कार्मिकों को नए वित्तीय वर्ष 2021-22 के पहले महीने अप्रैल में मिलने वाले वेतन भुगतान में दिक्कत को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।
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