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अब मार्च के दूसरे सप्ताह में होगा पहला स्नो लेपर्ड टूर, उत्तरकाशी जिले में चिह्नित किए गए हैं हर्षिल समेत पांच क्षेत्र

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की तर्ज पर उत्तराखंड में तीन मार्च से प्रारंभ होने वाले पहले स्नो लेपर्ड टूर की तिथि अब आगे खिसका दी गई है। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में एक मार्च से विधानसभा के बजट सत्र को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 03:50 PM (IST)
अब मार्च के दूसरे सप्ताह में होगा पहला स्नो लेपर्ड टूर, उत्तरकाशी जिले में चिह्नित किए गए हैं हर्षिल समेत पांच क्षेत्र
लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्नो लेपर्ड टूर के आयोजन का निर्णय लिया गया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की तर्ज पर उत्तराखंड में तीन मार्च से प्रारंभ होने वाले पहले स्नो लेपर्ड टूर की तिथि अब आगे खिसका दी गई है। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में एक मार्च से विधानसभा के बजट सत्र को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अब मार्च के दूसरे सप्ताह में उत्तरकाशी जिले के हर्षिल क्षेत्र में यह टूर आयोजित किया जाएगा। इसके बाद तीन अन्य टूर भी होंगे।

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पहली मर्तबा होने जा रहे इस टूर के नतीजे उत्साहजनक रहने पर प्रदेश के दूसरे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भी इनका आयोजन किया जाएगा।सूबे के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा पर्यटन गतिविधियां बेहद सीमित हैं। इसे देखते हुए वन महकमे ने वहां साहसिक पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां बढ़ाकर इनके जरिये स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने पर फोकस किया है। इसी कड़ी में लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्नो लेपर्ड टूर के आयोजन का निर्णय लिया गया है। इसके लिए उत्तरकाशी के उन क्षेत्रों को चुना गया है, जहां हिम तेंदुओं की मौजूदगी है। जाहिर है कि इन टूर में हिम तेंदुओं का दीदार सैलानियों के लिए मुख्य आकर्षण रहेगा।राज्य में अपनी तरह के इस पहले स्नो लेपर्ड टूर के लिए तीन मार्च की तिथि तय की गई थी। अब इसे आगे खिसकाया गया है।

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वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी के मुताबिक एक मार्च से विधानसभा का बजट सत्र है। इसके अलावा हर्षिल के जिस क्षेत्र में टूर का आयोजन होना है, वहां के गांवों के निवासी भी अभी निचले क्षेत्रों से वापस नहीं लौटे हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्र के गांवों के निवासी सर्दियों में निचले इलाकों में आ जाते हैं। इसे देखते हुए अब ये तय किया गया है कि मार्च के दूसरे सप्ताह में स्नो लेपर्ड टूर का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी जिले के हर्षिल, झाला, धराली, मुखबा, बघोरी क्षेत्रों में कुल चार टूर होंगे। इनके नतीजों के आधार पर उन दूसरे क्षेत्रों में भी स्नो लेपर्ड टूर आयोजित किए जाएंगे, जहां हिम तेंदुओं की मौजूदगी है। 

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