भारत को विश्वगुरु का दर्जा दिलाएगी गोमाता
प्रदेश सरकार की ओर से राज्य विधानसभा में गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने का संकल्प पारित होने पर गो भक्तों में हर्ष की लहर है। गो क्रांति मंच ने प्रदेश सरकार का आभार जताया है। गो क्रांति अग्रदूत संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि देश की उन्नति गो सम्मान में ही है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेश सरकार की ओर से राज्य विधानसभा में गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने का संकल्प पारित होने पर गो भक्तों में हर्ष की लहर है। गो क्रांति मंच ने प्रदेश सरकार का आभार जताया है। गो क्रांति अग्रदूत संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि देश की उन्नति गो सम्मान में ही है। गाय ही भारत को विश्वगुरु का दर्जा दिलाएगी। उत्तराखंड सरकार ने गो को संवैधानिक रूप से राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने के लिए द्वार खोल दिए हैं।
गुरुवार को रिस्पना पुल के पास स्थित एक होटल में मंच की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर गोपाल मणि महाराज ने कहा कि गो को राष्ट्रमाता बनाने का शंखनाद देवभूमि उत्तराखंड से हुआ है। इसके लिए 29 राज्यों और 676 जिलों में गोष्ठियां, रैलियां की गई। लेकिन, उत्तराखंड से इस महान कार्य की शुरुआत हुई है। गो सम्मान के लिए हमारी लड़ाई अब आसान हो गई है। अब आगे देश के सांसदों समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस संकल्प को लेकर वार्ता की जाएगी। गाय को उसका सम्मान दिलाकर ही हमारा उद्देश्य पूरा होगा। उन्होंने सदन में संकल्प पेश करने पर मंत्री रेखा आर्य का विशेष रूप से आभार जताया। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष और विपक्षी विधायकों की सहमति के लिए भी उनका आभार प्रकट किया। साथ ही गो भक्तों के सहयोग की भी सराहना की।
उन्होंने सरकार से मंच की अन्य चार मांगों में किसानों को गोबर का उचित मूल्य देने, देसी गायों का संवर्द्धन कर दस वर्ष तक के बच्चों को उनका दूध उपलब्ध कराने, गायों के लिए चरान भूमि सुरक्षित करने, आदर्श गोशालाएं स्थापित करने को पूरा करने को कहा है। इस मौके पर सभी गो भक्तों ने गो महिमा के भजनों को गाकर हर्ष जताया। कार्यक्रम का संचालन मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. रामभूषण बिजल्वाण ने किया। इस दौरान भाजपा नेता सुनील उनियाल गामा, मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष शर्मा, जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, मनोहर लाल जुयाल, बलवीर सिंह पंवार, प्रदेश अध्यक्ष शूरवीर सिंह मतूड़ा, मीडिया प्रभारी सुशील गौड़, विपिन योगी आदि मौजूद रहे।