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थलीसैंण होगा राठ विकास प्राधिकरण का मुख्यालय, पढ़िए पूरी खबर

पिछड़ेपन का दंश झेल रहे थलीसैंण पाबौ खिर्सू और बीरोंखाल ब्लाकों की तस्वीर अब बदलेगी। इनके लिए गठित राठ विकास प्राधिकरण अब पूरी सक्रियता से कार्य करेगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 08:16 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 08:16 PM (IST)
थलीसैंण होगा राठ विकास प्राधिकरण का मुख्यालय, पढ़िए पूरी खबर
थलीसैंण होगा राठ विकास प्राधिकरण का मुख्यालय, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। पौड़ी जिले में विकास की दृष्टि से पिछड़ेपन का दंश झेल रहे थलीसैंण, पाबौ, खिर्सू और बीरोंखाल ब्लाकों की तस्वीर अब बदलेगी। इन क्षेत्रों के लिए गठित राठ विकास प्राधिकरण अब पूरी सक्रियता से कार्य करेगा। प्राधिकरण का मुख्यालय थलीसैंण में होगा। सहकारिता राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने शनिवार को विधानसभा स्थित सभागार में हुई प्राधिकरण की बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए।

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सहकारिता के अंतर्गत 2015 में सोसायटी एक्ट के तहत राठ विकास प्राधिकरण गठित हुआ था। इसके पीछे मंशा ये थी कि पौड़ी जिले के चारों ब्लाकों के पिछड़े राठ क्षेत्र का चहुंमुखी विकास किया जाए, मगर यह प्राधिकरण उस लिहाज से अपनी भूमिका नहीं निभा पाया, जिसकी दरकार थी। मौजूदा सरकार ने इस प्राधिकरण को पूरी मुस्तैदी के साथ कार्यरूप में परिणित करने का निर्णय लिया है। इसके जरिये राठ क्षेत्र के विकास के साथ ही वहां रोजगार के अवसर सृजित करने पर विशेष रूप से फोकस किया जाना है।

इस कड़ी में सहकारिता राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने शनिवार को प्राधिकरण की बैठक ली। बाद में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में डॉ.रावत ने कहा कि यह प्राधिकरण अब तेजी से कार्य करेगा। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि उपाध्यक्ष सहकारिता मंत्री। क्षेत्रीय विधायक समेत अन्य लोग इसके सदस्य होंगे।

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डॉ.रावत ने बताया कि प्राधिकरण के जरिये चारों ब्लाकों में किसानों की आय दोगुना करने के साथ ही युवाओं को डेयरी समेत अन्य स्वरोजगारपरक कार्यक्रमों से जोड़ने की कार्ययोजना बनाई गई है। इसके अलावा मौन पालन प्रशिक्षण, आलू, सेब सहित अन्य स्थानीय फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी, विपणन की व्यवस्था के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। आजीविका विकास के मद्देनजर स्वयं सहायता समूहों व महिला समूहों का गठन किया जाएगा। बैठक में डीएम पौड़ी धीराज सिंह गब्र्याल, अपर सचिव सहकारिता बीएम मिश्र, डिप्टी कमिश्नर ग्रामीण विकास एके राजपूत, अपर सचिव वित्त बीसी तिवारी, सीडीओ पौड़ी हिमांशु खुराना आदि मौजूद थे।

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