सीमा पर बढ़ते तनाव को देख डार्क विलेज में दूरसंचार नेटवर्क का होगा विस्तार, जानें- क्या होते हैं डार्क विलेज
राज्य के सीमांत क्षेत्रों में दूरसंचार नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा। इन क्षेत्रों में टावर लगाने को निजी कंपनियों को 40 लाख बतौर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। देश की सुरक्षा को ध्यान में रखकर अब उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में दूरसंचार नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा। इन क्षेत्रों में दूरसंचार नेटवर्क के लिए टावर लगाने को निजी कंपनियों को 40 लाख की धनराशि बतौर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मंत्रिमंडल ने इस संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी नीति में संशोधन को हरी झंडी दिखा दी। केदारनाथ में चिनूक हेलीकॉप्टर को उतारने के लिए हेलीपैड का विस्तार करने का निर्णय भी लिया गया है।
सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर इन क्षेत्रों में दूरसंचार सुविधा नेटवर्क के विस्तार का फैसला मंत्रिमंडल ने लिया। उत्तराखंड के चीन व नेपाल सीमा से सटे पर्वतीय जिलों उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के तकरीबन 250 डार्क विलेज (ऐसे गांव जहां कोई टेलीकॉम और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर नहीं पहुंचा) में इस वक्त दूरसंचार नेटवर्क की कमी महसूस की जा रही है। मोबाइल फोन और इंटरनेट सुविधा से वंचित गांवों में अब बदलाव दिखेगा।
मंत्रिमंडल ने अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में केदारनाथ धाम में हेलीपैड के विस्तार पर मुहर लगा दी। इस हेलीपैड को चिनूक हेलीकॉप्टर के उतरने लायक बनाया जाएगा। वर्ष 2013 में भयानक बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं। नई भारी मशीनों को केदारनाथ पहुंचाने के लिए उपयुक्त हेलीकॉप्टर की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया था।
इस सिलसिले में वायु सेना के अधिकारियों ने राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ केदारनाथ का हवाई व जमीनी सर्वेक्षण किया था। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने केदारनाथ में वर्तमान में हेलीपैड के 40 गुणा 50 वर्गमीटर आकार को बढ़ाकर 100 गुणा 50 वर्गमीटर करने का सुझाव दिया था। मंत्रिमंडल ने हेलीपैड विस्तार को आसपास के अस्थायी ढांचों को ध्वस्त करने का निर्णय भी लिया।
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