Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड के दुर्गम में तैनात शिक्षकों ने तबादलों में मांगी वरीयता

सरकार ने इस साल तबादला सत्र शून्य किया है बावजूद इसके धारा-27 के तहत तबादले हो रहे हैं। इसका फायदा उठाकर शिक्षक सुगम की राह तलाश रहे हैं।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 05:49 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 05:49 PM (IST)
उत्‍तराखंड के दुर्गम में तैनात शिक्षकों ने तबादलों में मांगी वरीयता
उत्‍तराखंड के दुर्गम में तैनात शिक्षकों ने तबादलों में मांगी वरीयता

देहरादून, जेएनएन। सरकार ने इस साल तबादला सत्र शून्य किया है, बावजूद इसके धारा-27 के तहत तबादले हो रहे हैं। इसका फायदा उठाकर शिक्षक सुगम की राह तलाश रहे हैं। कुछ शिक्षकों को सुगम में तबादला मिल भी चुका है, जिससे लंबे समय से दुर्गम में सेवा दे रहे शिक्षकों में नाराजगी है। इन शिक्षकों ने तबादलों की पारदर्शिता पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि अंतरजनपदीय तबादलों में उन शिक्षकों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, जो वर्षों से दुर्गम में तैनात हैं।

loksabha election banner

सुगम के लिए आ रहे आवेदनों और इन पर मुहर लगाने से दुर्गम में पहले से तैनात शिक्षकों में रोष है। कालसी के पंजिया जूनियर हाईस्कूल में करीब 30 साल से सेवाएं दे रहे सुभाष कुमार ने कहा कि नौकरी का आधा से ज्यादा समय दुर्गम में बीत गया। अब जब सुगम में तबादले का संयोग बना तो धारा-27 एवं सामान्य प्रक्रिया से आने वाले शिक्षकों को वरीयता दी जा रही है, यह गलत है। करीब 25 साल से रायपुर खंड के दुर्गम क्षेत्र सतेली में सेवा दे रहे शक्ति प्रसाद ने कहा कि बहुत बीमार या अन्य आपात स्थिति में धारा-27 के तहत सुगम में तबादला होना गलत नहीं है, लेकिन कम से कम सामान्य मामलों को पहले दून के दुर्गम में तैनाती दी जानी चाहिए और वर्षों से यहां अपनी एडिय़ां घिस रहे शिक्षकों को सुगम मिलना चाहिए। उत्तराखंड जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने भी इसके विरोध में आवाज उठाना शुरू कर दिया है। 

यह भी पढ़ें: यूटीयू ने बीटेक में काउंसिलिंग बोर्ड के माध्यम से की प्रवेश की तैयारी

इनका कहना है

 उत्तराखंड जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्‍यक्ष रघुवीर सिंह पुंडीर का कहना है कि कई शिक्षक 16 से लेकर 30 साल से दुर्गम में तैनात हैं, लेकिन विभाग इन शिक्षकों को दरकिनार कर धारा-27 के सामान्य मामलों को भी दून का सुगम आवंटित कर रहा है। विभाग को पुराने नियमों के हिसाब से अंतरजनपदीय तबादला ले रहे शिक्षकों को चकराता-कालसी भेजना चाहिए। वहीं इस मामले जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक आरएस रावत का कहना है कि अंतरजनपदीय तबादलों में शिक्षकों को पहले कालसी-चकराता भेजने का नियम बहुत पहले खत्म हो चुका है। शिक्षकों की मांग को शिक्षा निदेशालय स्तर पर उठाया जाएगा।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में जल्द भरे जाएंगे उर्दू शिक्षकों के 144 पद, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.