शीतकालीन अवकाश निरस्त करने के आदेश से शिक्षकों में आक्रोश, आंदोलन की दी चेतावनी
स्कूलों में शीतकालीन अवकाश पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए शिक्षा सचिव ने अवकाश निरस्त करने के आदेश जारी करने के बाद शिक्षकों में आक्रोश बढ़ गया है। अब शिक्षक आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। शिक्षक संगठनों ने विरोध भी शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : स्कूलों में शीतकालीन अवकाश पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए शिक्षा सचिव ने अवकाश निरस्त करने के आदेश जारी करने के बाद शिक्षकों में आक्रोश बढ़ गया है। अब शिक्षक आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। शिक्षक संगठनों ने विरोध भी शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि यह अवकाश शिक्षक और छात्रों का अधिकार है।
राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी ने शुक्रवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय से मुलाकात कर शीतकालीन अवकाश अनिवार्य रूप से देने की मांग की। संघ के प्रदेश अध्यक्ष केके डिमरी ने कहा कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय सभी शिक्षकों ने मुस्तैदी से पढ़ाई करवाने के साथ ही प्रशासनिक काम भी किए। अब शीतकालीन अवकाश निरस्त करने का कोई मतलब नहीं बनता। महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला ने कहा कि दूरस्थ स्कूलों में छात्र तक सर्दियों में स्कूल नहीं आते तो शिक्षकों को बुलाने का औचित्य नहीं है। अनुसूचित जाति, जनजाति शिक्षक एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर ऑनलाइन बैठक में चर्चा की। एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री जितेंद्र सिंह बुटोइया ने कहा कि सरकार द्वारा एकतरफा फैसला लेकर शिक्षकों और छात्रों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करते हुए कहा कि किसी भी विभाग के लिए फैसला लिए जाने से पहले उस विभाग के कर्मचारियों की राय ली जानी जरूरी है।
यह भी पढ़ें- Uttarakhand Coronavirus News Update:उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित 13 मरीजों की मौत
अशासकीय शिक्षकों ने की उपार्जित अवकाश की मांग
देहरादून : उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ ने अवकाश निरस्त करने के फैसले का विरोध जताते हुए सरकार से यह आदेश तत्काल वापस लेने की मांग की। ऐसा नहीं होने की स्थिति में संघ ने इन अवकाशों के बदले उपार्जित अवकाश देने की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि अगर इस पर जल्द फैसला नहीं हुआ तो शिक्षकों को सड़कों पर उतरना होगा। उधर, संघ के जिला मंत्री अनिल कुमार नौटियाल ने कहा कि शिक्षक छात्र हित के लिए ही काम करते हैं, लेकिन सरकार को बिना राय जाने कोई भी फैसला थोपने का अधिकार नहीं।
शीतकालीन अवकाश को रद करने का आदेश हो निरस्त
देहरादून : उक्रांद ने शिक्षकों के शीतकालीन अवकाश को रद करने के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की मांग की है। इस संदर्भ में उक्रांद कार्यकर्त्ताओं ने शनिवार को शिक्षा मंत्री को भेजा। जिसमें कहा गया है कि 10वीं व 12वीं के छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों का शीतकालीन अवकाश रद करने के आदेश शासन द्वारा जारी किए गए हैं। जबकि अन्य शिक्षकों को इस आदेश से बाहर रखा गया है।
कहा कि देश-दुनिया की तरह उत्तराखंड मे भी कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। शिक्षकों ने कोरोनाकाल में संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर आदि जगह ड्यूटी की है। साथ ही बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने में भी शिक्षक व्यस्त रहे हैं, लेकिन अब उनका शीतकालीन अवकाश रद किया जा रहा है। यह शिक्षकों का उत्पीडऩ करने जैसा आदेश है। कहा कि शिक्षकों को दो भागों में विभक्त करना भी गलत है। ज्ञापन सौंपने वालों में दल के महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय, जिलाध्यक्ष बीए बौड़ाई, राजेंद्र बिष्ट, धर्मेंद्र कठैत, विजेंद्र रावत, रतन सिंह राणा, राजेंद्र प्रधान, अरविंद बिष्ट आदि शामिल रहे।
यह भी पढ़ें- राजकीय इंटर कॉलेज छरबा में शिक्षक, कर्मचारियों व छात्रों ने कराई कोविड-19 की जांच