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चाय बागान पर भू-माफिया की नजरें

शिमला बाईपास से लेकर प्रेमनगर तक फैले दून के चाय बागान पर भू माफि या की नजर है। यहां तेजी से कब्जे हो रहे हैं और कीमती जमीन माफिया के हाथों में जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 10:00 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 10:00 PM (IST)
चाय बागान पर भू-माफिया की नजरें
चाय बागान पर भू-माफिया की नजरें

जागरण संवाददाता, देहरादून: शिमला बाईपास से लेकर प्रेमनगर तक फैले दून के चाय बागान पर भू माफिया की नजर है। यहां जमीन पर माफिया ने कई जगह कब्जा करना शुरू कर दिया है। इससे चाय बागान का अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म होने लगा है। कुछ इलाकों में प्लॉटिंग तो कहीं अन्य तरीकों से कब्जे करने का खेल चल रहा है। यही हाल रहा तो चाय बागान की कीमती जमीन भू-माफिया के हाथों में चली जाएगी।

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राजधानी में करीब 1500 एकड़ क्षेत्र में शिमला बाईपास से प्रेमनगर तक चाय बागान फैला है। राज्य बनने के बाद से ही इस जमीन पर भू-माफिया की नजर है। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में इस जमीन को बेचने की तैयारी चल रही थी। मगर, विरोध के चलते सरकार को प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। इसके बाद यहां आसपास के इलाकों में लोगों ने बाउंड्रीवाल से लगी चाय बागान की जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया है। अवैध प्लॉटिंग से लेकर यहां कच्चे और पक्के निर्माण धड़ल्ले से किए जा रहे हैं। खासकर चाय बागान की खेती की जगह गेहूं और बंजर खेत का फायदा भू-माफिया उठा रहे हैं। भू-उपयोग बदलाव नहीं आसान

आवास विभाग की भू उपयोग परिवर्तन नियमावली में भी साफ प्रावधान है कि चाय बागान ही ऐसा भू-उपयोग है, जिसे केंद्र सरकार की अनुमति के बिना बदला नहीं जा सकता। यहा तक की चाय बागान भू उपयोग को कृषि भू उपयोग में भी बदला नहीं जा सकता। बावजूद यहां चाय बागान की जगह गेहूं और दूसरी खेती की जा रही है। स्मार्ट सिटी का था प्रस्ताव

इसी चाय बागान की कुल भूमि में से 350 एकड़ पर स्मार्ट सिटी बननी थी। एमडीडीए ने इसके लिए लंबी चौड़ी योजना भी बनाई। लेकिन, चाय बागान बचाओ संघर्ष समिति के आदोलन के चलते योजना परवान नहीं चढ़ पाई। यहां है चाय बागान की जमीन

तेलपुर, गोरखपुर, बड़ोवाला, बनियावाला, ठाकुरपुर, श्यामपुर से लेकर प्रेमनगर इलाके तक फैला हुआ है। यह मामला अभी संज्ञान में नहीं आया है। चाय बागान की जमीन कब्जाने की शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी। इस संबंध में तहसीलदार से रिपोर्ट मांगी जाएगी।

सी रविशंकर, जिलाधिकारी जमीन कब्जाने के कुछ मामलों की शिकायत मिली थी। इसकी जांच जारी है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

मुकेश रमोला, तहसीलदार सदर


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