मां गंगा को 1100 कमल के पुष्प चढ़ाकर गंगा की निर्मलता का लिया संकल्प
परमार्थ निकेतन में सम्मेलन में पेयजल स्वच्छता मंत्री प्रकाश पंत सहित प्रख्यात संत और धर्म गुरु शामिल हुए। मां गंगा को कमल के पुष्प चढ़ाकर गंगा की निर्मलता का संकल्प लिया गया।
ऋषिकेश, [जेएनएन]: परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम में गंगा के अवतरण दिवस पर कार्यशाला और सम्मेलन में सूबे के पेयजल स्वच्छता मंत्री प्रकाश पंत सहित प्रख्यात संत और धर्म गुरु शामिल हुए। मां गंगा को 1100 कमल के पुष्प चढ़ाकर गंगा की निर्मलता का संकल्प लिया गया। उत्तराखंड के पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने प्राकृतिक जल संसाधनों के संघर्ष का आह्वान करते हुए कहा कि परिवर्तन की शुरुआत अंदर से होगी तो समाज की हर समस्या का समाधान स्वयं निकल जाएगा।
गंगा अवतरण दिवस पर परमार्थ निकेतन में आयोजित कार्यक्रम में संतों और धर्मगुरुओं ने मां गंगा को 1100 कमल के पुष्प अर्पित कर गंगा की निर्मलता और अविरलता का संकल्प लिया। यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से आयोजित हम हैं समाधान सम्मेलन के दूसरे दिन तकनीकी सत्र जनजागरण कार्यशाला आयोजित की गई।
भारत में उपलब्ध जल स्रोतों के संरक्षण विषय पर उत्तराखंड के पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए जनता को खड़े होने की जरूरत है। जो जनता कभी बस में सफर करते हुए किसी के लिए सीट नहीं छोड़ती उसी एक करोड़ जनता ने प्रधानमंत्री की आवाज पर गैस सब्सिडी छोड़ दी। सृष्टि से जुड़कर ही समष्टि का कल्याण होगा। परमार्थ के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हमारा उद्देश्य एक स्वच्छ, संपन्न और सुंदर राष्ट्र का निर्माण करना है।
मां गंगा को निर्मल एवं अविरल स्वरूप प्रदान करना है। ताकि हमारी भावी पीढ़ी, देश के प्रत्येक व्यक्ति के पास वाटर सेनिटेशन एवं हाइजिन की उचित सुविधा उपलब्ध हो। कथावाचक रमेश भाई ओझा ने कहा कि बच्चों को बचपन से ही स्वच्छता के संस्कार दें। ताकि यह उनके जीवन का हिस्सा बन सके।
अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने कहा कि जिस देश में एक मंच पर इतने विद्वान मौजूद हों उस देश का भविष्य निश्चित ही उज्ज्वल रहेगा। संत ज्ञानी गुरबचन सिंह ने माता-पिता और गुरु की तरह धरती को मां और जल स्रोतों को पूजनीय बताया। दैनिक जागरण के निदेशक संदीप गुप्ता, बौद्ध धर्म गुरु लामा लोंबसंग ने कहा कि एक मंच पर सभी धर्मों का साथ आना शांति एवं समरसता का प्रतीक है और यह समाज और देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस मौके पर सभी लोगों ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष विश्व में स्वच्छ जल की उपलब्धता के लिए वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी भी संपन्न की।
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