इस तरह रखें अपने खान-पान का सही ख्याल, बीमारी जाएगी दूर भाग
वर्तमान समय मे आंकड़ों पर गौर करें तो बीमार लोगों की जितनी संख्या संक्रमण आदि से है उससे कहीं ज्यादा खान-पान की अनुचित आदतों के कारण है।
देहरादून, जेएनएन। कहते हैं कि जैसा खाएं अन्न वैसा रहे मन। यह लोकोक्ति सदियों से चली आई है और यह आज भी उतनी ही सत्य है जितनी वर्षों पहले थी। हमारे खान पान का सीधा असर हमारे मन मस्तिष्क सहित शरीर पर पड़ता है। वर्तमान समय मे आंकड़ों पर गौर करें तो बीमार लोगों की जितनी संख्या संक्रमण आदि से है उससे कहीं ज्यादा खान पान की अनुचित आदतों के कारण है।
हम अक्सर अपने ऑफिस पहुंचने की हड़बड़ी में नाश्ते को छोड़ देते हैं, जल्दबाजी में सुबह घर से सुबह का बना खाना टिफिन में दिन के भोजन में लेते हैं ठीक इसी प्रकार रात को देर से लौटकर भारी भोजन लेकर फौरन सो जाते हैं। कहीं न कहीं खाने के ये गलत तौर तरीके हमे धीरे धीरे अंदर से पाचकग्नि को कमजोर कर विभिन्न रोगों के लिये शरीर को पनाहगाह में तब्दील कर देते हैं। यही बात खाने-पीने में लिए भोज्य पदार्थों के साथ भी है। फास्ट फूड, मसालेदार गरिस्ट भोजन, प्रोसेस्ड फूड आदि भी कहीं न कहीं आज बच्चे, मध्य आयु वर्ग में मोटापा जैसी समस्या के साथ साथ उच्च रक्तचाप और डायबीटिक रोगी बनने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं।
कुछ छोटी छोटी आदतें अपनाकर रहें स्वस्थ
-नाश्ते को कितने भी जल्दी में हों कभी मिस न करें और यह पर्याप्त मात्रा में लें।
-दिन का भोजन ताजा और और प्रचुर मात्रा में हरी सब्जी और दाल से युक्त ही जिसे शांत और प्रसन्नचित होकर सेवन करें।
-दिन भर में शरीर की आवश्यकता अनुसार पानी को पीना आवश्यक है बस ध्यान रहे कि यह शुद्ध और ताजा हो।
-रात्रि का भोजन हल्का, फास्ट फूड रहित और मात्रा में कम लें। इसके साथ ही भोजन के बाद तत्काल सोने की आदत से परहेज करें।
-रात्रि में सोने से पूर्व हल्का गुनगुना दूध पीना पूरे दिन की थकान को दूर कर आपको नये दिन के लिये ऊर्जा से लबरेज कर देता है।
-रात्रि के भोजन के उपरांत थोड़ा चलना कदापि न भूलें।
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कुछ सामान्य टिप्स
-खाली पेट प्रात: नाड़ी शोधन प्राणायाम का अभ्यास करें
-भोजन के बाद वज्रासन में बैठें इससे आपको गैस की समस्या से निजात मिल जाएगी।
-भोजन में अत्यधिक मात्रा में वात बढ़ाने वाली खाद्य पदार्थ जैसे राजमा, उड़द और मटर आदि के लगातार सेवन से परहेज करें।
-तनाव मुक्त रहें और आसपास के वातावरण हंसी खुशी और तनावमुक्त रखें।
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