स्वामी सुंदरानंद की आत्मकथा में हिमालय दर्शन
गंगोत्री धाम में तपस्या के दौरान कैमरे में हिमालय को कैद करने के बाद स्वामी सुंदरानंद की आत्मकथा में भी हिमालय के अलौकिक दर्शन हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: गंगोत्री धाम में तपस्या के दौरान कैमरे में हिमालय को कैद करने के बाद स्वामी सुंदरानंद ने आत्मकथा में हिमालय के दर्शन कराए हैं। अपनी वर्षो की यात्रा में हिमालय से जुड़ी हर छोटी-बड़ी घटना, अनुभव को सरल भाव में प्रस्तुत किया है। उनकी आत्मकथा में हिमालय के पर्यटन, तीर्थाटन के नजदीकी से दर्शन हों रहे हैं। इधर, स्वामी सुंदरानंद अपने कैमरे से खींची गई दुर्लभ फोटोग्राफ से जुड़ी एक पुस्तक भी तैयार करा रहे हैं। इसी साल यह पुस्तक तैयार हो जाएगी।
स्वामी सुंदरानंद ने रविवार को अपने आध्यात्मिक गुरु स्वामी तपोवन महाराज की पुण्य तिथि पर अपनी आत्मकथा से जुड़ी पुस्तक का विमोचन किया। स्वामी सुंदरानंद ने तपोवन महाराज को याद करते हुए उनसे जुड़े संस्मरण बताकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कहा कि गंगोत्री धाम में तपस्या करते वक्त उन्हें स्वामी तपोवन के ज्ञान और आध्यात्म को आत्मसात करने का मौका मिला। इस दौरान वह स्वामी तपोवन के काफी निकट रहे। आध्यात्म के क्षेत्र में उनके दिखाए गए रास्ते का परिणाम रहा है कि उन्होंने पूरा हिमालय घूम लिया। यही कारण रहा कि देश के 25 नामचीन पर्वतों का आरोहण कर वहां से दुर्लभ फोटो अपने कैमरे में कैद किए। इस मौके पर जुटे लोगों ने स्वामी सुंदरानंद की आत्मकथा को हिमालय का महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया। कहा कि पुस्तक में जिस तरह से परंपरा, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक स्थल और हिमालय से जुड़ी जानकारी को समाहित किया है, उससे यह पुस्तक पूरा हिमालय दर्शन करा रही है। साढ़े तीन सौ पेज की इस पुस्तक का संपादन शशिकांत शर्मा ने किया है। पुस्तक विमोचन के दौरान पूर्व सचिव उमाकांत पंवार, डॉ. अशोक लूथरा, डॉ. अर्चना लूथरा, अभिनव आचार्य, कुसुम शाह, डॉ. ओली समेत अन्य मौजूद रहे।
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मई में पिक्चर गैलरी का लोकार्पण
स्वामी सुंदरानंद ने गंगोत्री धाम में हिमालय रेंज की भव्य आर्ट गैलरी तैयार की है। इसमें एक लाख से ज्यादा दुर्लभ फोटोग्राफ, स्लाइड और थ्री-डी प्रिंट हैं। मई में इस पिक्चर गैलरी के विमोचन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत अन्य को निमंत्रण दिया गया है। हिमालय के विशेषज्ञ स्वामी सुंदरानंद
स्वामी सुंदरानंद पिछले 50 सालों में सिकुड़ते गंगोत्री ग्लेशियर समेत हिमालय में घुमक्कड़ी के दौरान एकत्र किए गए दुर्लभ फोटो के संकलन के लिए जाने जाते हैं। साधु से ज्यादा एक फोटोग्राफर के रूप में वह अमेरिका और यूरोप के कई शहरों में अपनी फोटो प्रदर्शनिया लगा चुके हैं। स्वामी सुंदरानंद ने हिमालया थू्र द लेंस ऑफ ए साधु पुस्तक भी लिखी है। उन पर जाने-माने डाक्यूमेंट्री निर्माता विक्टर डेम्को पर्सनल टाइम विद स्वामी जी नामक डॉक्यूमेंट्री बना चुके हैं।