नारी शक्ति के अद्भुत समर्पण का पर्व है करवा चौथ
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने देश की महिलाओं को करवा चौथ की शुभ कामनाएं दी।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष ने स्वामी चिदानंद सरस्वती ने देश की नारी शक्ति को करवा चौथ की शुभकामनाएं दी। उन्होंने पर्व को नारी शक्ति के अद्भुत समर्पण का पर्व बताया।
कहा कि शास्त्र और रीति-रिवाजों के अनुसार करवा चौथ का त्योहार आपसी प्रेम, विश्वास और सम्मान का पर्व है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने जीवनसाथी के उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घ व दिव्य आयु की कामना से रखती हैं। कन्याएं उत्तम जीवनसाथी को पाने के लिए इस व्रत को रखती हैं। पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति की कामना से महिलाएं चंद्रमा की पूजा कर व्रत को पूर्ण करती हैं।
गीता में कहा गया है कि शरीर तो नश्वर है, जो भी धरती पर प्राणी है सभी का शरीर नष्ट होगा केवल आत्मा अमर है। आत्मा, मनुष्य के कर्म के अनुसार अलग-अलग शरीर धारण करती रहती है। इसलिए व्रत के साथ जीवन में विचार, वाणी और कर्म की पवित्रता और शुद्धता भी होना नितांत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि भारत मूलत: विविधताओं का देश है, विविधताओं में एकता ही भारत की प्रमुख विशेषता है और यही संस्कृति भारत की स्वर्णिम गरिमा को आधार प्रदान करती है। हमारा प्यारा भारत विशाल और विशेष है, जहां सबको सम्मान मिला है। अब हम सब का कर्तव्य बनता है कि हम अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर देश के लिए सोचें।
समर्पित संगठन है संयुक्त राष्ट्र संघ
संयुक्त राष्ट्र दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र दुनिया भर में मानवाधिकार की रक्षा के लिए समर्पित संगठन है। जो वैश्विक शांति और समानता की दिशा में अद्भुत कार्य कर रहा है।