देश के संविधान से बड़ा कोई धर्म नहीं: सूर्यकांत धस्माना
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि देश के संविधान से बड़ा कोई धर्म नहीं है और बीजेपी उसी संविधान की मूल भावना को नष्ट करने पर तुली है।
देहरादून, जेएनएन। पिछले सत्ताईस दिनों से राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी के विरुद्ध चल रहे संविधान बचाओ धरने में पहुंचे उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भारतीय जनता पार्टी पर देश की जनता को धार्मिक आधार पर बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश के संविधान से बड़ा कोई धर्म नहीं है और बीजेपी उसी संविधान की मूल भावना को नष्ट करने पर तुली है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर भीम राव आम्बेडकर की अध्यक्षता वाली संविधान सभा में तत्कालीन देश के उच्च कोटि के विद्वान व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शामिल थे, जो देश की सामाजिक संरचना, देश का इतिहास व भूगोल सब जानते थे और उन्होंने अपनी पूरी क्षमता से भारत के संविधान को तैयार किया था।
उन्होंने कहा कि भारत की धार्मिक भाषायी जातीय व क्षेत्रीय विभिन्नताओं को दृष्टिगत रखते हुए ही संविधान की प्रस्तावना में नागरिकता को किसी धर्म जाती भाषा व क्षेत्र से न जोड़ कर 'हम भारत के नागरिक' लिखा, लेकिन आज की बीजेपी सरकार नागरिकता कानून में संशोधन कर के उसमें धर्म की पहचान जोड़ कर संविधान की मूल भावना व प्रस्तावना को ही बदलने का कुचक्र कर रही है।
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उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में लाखों लोग अलग अलग जगहों पर देश के संविधान को नष्ट करने की भाजपा सरकार की साजिश के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं, लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी है। उन्होंने कहा कि शाहीनबाग जैसे हज़ारों शाहीन बागों में आज देश भर में लोग इस अनोखे अहिंसक और शांन्तिपूर्ण आंदोलन में डटे हुए हैं और देश का हर सही सोच वाले नागरिक इस आंदोलन के समर्थन में है। उन्होंने देहरादून में चलाए जा रहे धरने के आयोजकों को व धरने में लगातार बैठी महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि उनके इस गांधीवादी आंदोलन के आगे सरकार को झुकना ही होगा।
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