Move to Jagran APP

देहरादून के सरकारी स्कूलों में वर्चुअल क्लास से शुरू हुई छात्रों की पढ़ाई

सरकारी स्कूलों में बुधवार से 10वीं एवं 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए वर्चुअल क्लासेस के माध्यम से पढ़ाई शुरू हो गई। हालांकि कक्षाओं का फायदा उन्हीं स्कूलों के छात्र-छात्राएं ले सकें जिन स्कूलों में वर्चुअल क्लास का सेटअप लगा हुआ है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 09:06 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 09:06 PM (IST)
देहरादून के सरकारी स्कूलों में वर्चुअल क्लास से शुरू हुई छात्रों की पढ़ाई
बुधवार को पटेलनगर स्थित जीआइसी इंटर कॉलेज में वर्चुअल क्लास के माध्यम से पढ़ाई करते छात्र-छात्राएं।

जागरण संवाददाता, देहरादून: सरकारी स्कूलों में बुधवार से 10वीं एवं 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए वर्चुअल क्लासेस के माध्यम से पढ़ाई शुरू हो गई। हालांकि, कक्षाओं का फायदा उन्हीं स्कूलों के छात्र-छात्राएं ले सकें, जिन स्कूलों में वर्चुअल क्लास का सेटअप लगा हुआ है। वर्चुअल क्लास से उन स्कूलों के बच्चों को भी फायदा जहां शिक्षक की कमी है। 

loksabha election banner

समग्र शिक्षा अभियान की ओर से बोर्ड कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए वर्चुअल क्लास के माध्यम से पढ़ाई के साथ ही मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए कोचिंग देना भी तय किया गया है, लेकिन शिक्षा विभाग की तमाम इन कोशिशों के बाद भी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ नहीं रही है। कई स्कूलों में तो शुरुआत में दो नवंबर को स्कूल खुलने के बाद जितने छात्र आए थे, वह भी नहीं आ रहे। दून के स्कूलों में भी यही हाल रहा। जिन स्कूलों की एक कक्षा की छात्र संख्या 60 से 80 के बीच है, वहां अब भी 25 से ज्यादा छात्र नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में स्कूलों के सामने बड़ी संख्या में छात्रों को पढ़ाई करवाने के चुनौती अब भी बरकरार है। राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि सप्ताह में चार दिन नियमित विषयों की पढ़ाई के अलावा सप्ताहांत पर जेईई एवं नीट की तैयारी भी करवाई जाएगी।

छात्र बोले वर्चुअल कक्षाएं मददगार

बुधवार को स्कूलों में पहुंचे 10वीं एवं 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने कहा कि वर्चुअल कक्षाएं मददगार साबित हो रही हैं। ऑनलाइन कक्षाओं के पहले दिन छात्रों को बोर्ड ने कम किए गए पाठ्यक्रम की भी जानकारी दी। छात्रों का कहना था कि, स्कूलों में चल रही कक्षाओं के साथ वर्चुअल क्लास में उनका रिविजन हो रहा है। यह बोर्ड परीक्षा में जरूर काम आएगा।

प्रियंका अरोड़ा (जीआइसी पटेलनगर) ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई एक विकल्प जरूर है, लेकिन कक्षा में पढ़ाई जैसा अनुभव नहीं। कक्षा में सीधा शिक्षक से संवाद हो जाता है। शिक्षक- छात्र के बीच सीधे सवाल-जवाब होने से पढ़ाई में फायदा मिलता है।

राधा (जीजीआइसी अजबपुर) ने कहा कि वर्चुअल क्लास पढ़ाई में काफी मददगार साबित हो रही है, जो टॉपिक शिक्षक स्कूल में पढ़ा चुके हैं, उन टॉपिक का रिविजन वर्चुअल क्लास में हो रहा है। अब जल्द मुफ्त में जेईई एवं नीट की तैयारी भी यहीं से हो सकेगी।

यह भी पढ़ें: Navodaya Vidyalaya: नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए 31 दिसंबर तक आवेदन का मौका, जानिए जरूरी बातें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.