छात्र नेता बोले- सरकार छात्रसंघ चुनाव कराए या आयु सीमा में दो वर्ष की दे छूट
डीएवी महाविद्यालय के समस्त छात्र संगठनों का कहना है कि पिछले दो वर्ष से समस्त महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं जिससे कि सरकार छात्र राजनीति को समाप्त करना चाहती है। सरकार से मांग है कि वह छात्रसंघ चुनाव कराए।
जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रदेशभर के डिग्री कालेजों में पढ़ने वाले छात्र नेता सरकार के खिलाफ हो गए हैं। छात्र नेताओं का तर्क है कि सरकार खुद तो रैलियां आयोजित कर रही हैं। राजनेता बड़े- बड़े कार्यक्रमों में हजारों की संख्या में भीड़ जुटा रही है और छात्र संघ चुनाव के नाम पर कोरोना संक्रमण बढ़ने का बहाना बनाकर चुनाव टाल रही है। डीएवी कालेज छात्र संघ पिछले एक सप्ताह से धरना दे रहे हैं।
डीएवी पीजी कालेज छात्र संघ के निवर्तमान अध्यक्ष निखिल शर्मा कहते हैं कि सरकार जानबूझकर छात्र संघ चुनाव नहीं करवा रही है। मांग है कि या तो सरकार चुनाव करवाए या फिर चुनाव लड़ने की उम्र में दो वर्ष की छूट दे। सक्षम छात्र संगठन की ओर से श्रीगुरु राम राय महाविद्यालय के गेट पर विगत दो वर्षों से छात्र संघ चुनाव ना होने का विरोध किया गया जा रहा है।
छात्रसंघ अध्यक्ष शुभम बंसल ने छात्र हितों की रक्षा के लिए और छात्रों की समस्या को दूर करने के लिए छात्र संघ चुनाव का होना जरूरी बताया। छात्र नेता नीरज रतूड़ी और नितिन चौहान ने छात्र-छात्राओं की विभिन्न समस्याओं जैसे रिजल्ट में देरी, परीक्षाओं का समय पर ना होना आनलाइन पढ़ाई में आने वाली विभिन्न समस्याओं को चुनाव जरूरी बताया। छात्र संघ अध्यक्ष शुभम बंसल विश्वविद्यालय प्रतिनिधि सूरज सिंह नेगी छात्र नेता नीरज रतूड़ी, छात्र नेता नितिन चौहान, हिमांशु, आशीष, सत्यम सुमेंदर, अंकुश, मोहित, मुकुल रितिक, मयंक वैष्णवी, तनु एवं दर्जनों छात्र-छात्राएं ने कहा कि सरकार को हर हाल में नवंबर में चुनाव करवाने होंगे।
उधर, डीएवी महाविद्यालय के समस्त छात्र संगठनों का कहना है कि पिछले दो वर्ष से समस्त महाविद्यालय में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं, जिससे कि सरकार छात्र राजनीति को समाप्त करना चाहती है। समस्त संगठन समिति के प्रवक्ता ने बताया कि छात्रसंघ छात्रों की समस्याओं को मंच देने का कार्य करती है, जैसा कि ज्ञातव्य है कि महाविद्यालय एक अक्टूबर 2021 से पूर्ण रूप से खुल चुका है तथा कक्षाओं में शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चल रहा है।
पूर्व में भी सभी राजनीतिक दलों को कोरोनाकाल में अपनी राजनीतिक सभाएं आयोजित करने की पूर्ण रूप से छूट प्रदान की गई तो छात्र संघ चुनाव को अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। कई छात्र नेता विगत तीन-चार वर्षों से अपना सब कुछ त्यागकर छात्रों के मुद्दों को उठाने का कार्य कर रहे हैं, परंतु कोरोना की वजह से छात्र संघ चुनाव को स्थगित करने के कारण उन छात्र नेताओं की चुनाव लड़ने की आयु सीमा समाप्त हो गई है। जिससे उनका भविष्य अंधकार में है, जैसा कि ज्ञात है नीट के विद्यार्थियों को सीमा आयु में एक वर्ष की छूट दी गई है। हमारी सरकार से मांग है कि या तो सरकार छात्र संघ चुनाव कराए या छात्र नेताओं को आयु सीमा में दो वर्ष की छूट प्रदान करें। वोट देने का अधिकार एवं चुनाव कराना एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। जिसमें सभी छात्रों को प्रतिभाग करने का समान अवसर मिलना चाहिए।
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