छात्रवृत्ति घोटाले में कार्रवाई के बाद अधिकारियों में हड़कंप
दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में रुड़की के कॉलेज संचालक की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों में हड़कंप मचा है। फर्जी ढंग से सत्यापन करने वाले अधिकारियों को भी डर सताने लगा है।
देहरादून, जेएनएन। दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में रुड़की के कॉलेज संचालक की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों में हड़कंप मचा है। छात्रों का फर्जी ढंग से सत्यापन करने वाले अधिकारियों को भी अपनी गिरफ्तारी का डर सताने लगा है।
एसआइटी ने छात्रवृत्ति घोटाले प्रकरण पर पहली गिरफ्तारी कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। अब तक की जांच में एसआइटी टीम को हरिद्वार के निजी कॉलेजों में सर्वाधिक गड़बड़ी पता चली है। इसी घोटाले में रुड़की स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (आइपीएस) के एमडी अंकुर शर्मा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया था।
जांच में पता चला था कि दो सत्रों में कॉलेज को 6.29 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी गई थी। इसमें छात्रों का पंजीकरण फर्जी तरह से दिखाया गया था। वहीं तत्कालीन एसडीएम हरिद्वार ने न सिर्फ इस कॉलेज के छात्रों का सत्यापन किया, बल्कि चार अन्य कॉलेजों में भी छात्रों का सत्यापन किया। जांच में यह भी सामने आया कि अब देहरादून में तैनात इसी अधिकारी ने सिर्फ हाजिरी रजिस्टर देखकर छात्रों का सत्यापन कर लिया। जो कि अपने आप में बड़ी अनियमितता है। कार्रवाई को प्रभावी बनाने के लिए एसआइटी अब अधिकारियों पर भी सीधी कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई है।
खाता खोलने वाले बैंक भी कार्रवाई के दायरे में
एसआइटी सूत्रों की मानें तो अब छात्रों का खाता खोलने वाले बैंक भी कार्रवाई की जद में आ गए हैं। क्योंकि एक ही मोबाइल नंबर पर न सिर्फ अलग-अलग खाते खोले गए हैं, बल्कि छात्रों की मौजूदगी के बिना भी उनके खाते खोल दिए गए।
अब अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की भी एसआइटी जांच
समाज कल्याण की दशमोत्तर छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग ने अल्पसंख्यक दशमोत्तर छात्रवृत्ति की भी एसआइटी जांच कराने की सिफारिश की है। छात्रवृत्ति मामलों में आ रही शिकायतों के बाद आयोग ने यह निर्णय लिया। वहीं, आयोग के अध्यक्ष डॉ. आरके जैन ने अल्पसंख्यक कल्याण की छात्रवृत्ति की जांच नहीं कराए जाने पर भी हैरानी जताई।
अल्पसंख्यक आयोग की सुनवाई में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की शिकायत पहुंची। सुनवाई के दौरान छात्रों ने कहा कि उन्हें छात्रवृत्ति नहीं मिली है। छात्रों ने आरोप लगाया कि इस तरह की शिकायत पहले भी आ चुकी हैं लेकिन विभाग हमेशा जांच को बचता रहा है।
आयोग ने अल्पसंख्यक दशमोत्तर छात्रवृत्ति की एसआइटी जांच कराने को लेकर शासन को पत्र भेजा है। विदित हो कि छात्रवृत्ति ऑनलाइन शुरू होने के बाद आवेदनों में 50 फीसद की गिरावट आई है।
पुलिस अधिकारी रहे गायब, सुनवाई नहीं
आयोग की सुनवाई में पांच शिकायतें पुलिस से संबंधित थी, लेकिन संबंधित पुलिस अधिकारी सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं थे। इस पर आयोग के अध्यक्ष डॉ. आरके जैन ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस भेजने के निर्देश दिए। इनके अलावा पेयजल, विद्युत, राशन, सेवायोजन, सिंचाई समेत कई अन्य विभागों की शिकायत सामने आई। सुनवाई में आयोग सचिव जेएस रावत, नवीन परमार उपस्थित रहे।
मदरसों में कम्प्यूटर शिक्षक नहीं
आयोग के अध्यक्ष ने कई मदरसों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान उन्हें मदरसा संचालकों ने बताया कि उनके मदरसे में कम्प्यूटर तो हैं, लेकिन आउटसोर्स पर प्रशिक्षक नहीं रखे जा रहे हैं। उन्होंने इस पर जल्द कार्रवाई की मांग की साथ ही कई मदरसों ने मान्यता की प्रक्रिया लटकने पर रोष जताया।
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