राज्य महिला आयोग स्कूल न जाने वाली बालिकाओं को दिलाएगा दाखिला
स्कूल न जाने वाली बालिकाओं को राज्य महिला आयोग सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाएगा। आयोग इस अभियान को इसी माह के अंतिम हफ्ते तक शुरू करने जा रहा है। विशेष तौर पर बस्तियों में रहने वाली बालिकाओं के लिए यह अभियान शुरू करने जा रहा है।
देहरादून, जेएनएन। स्कूल न जाने वाली बालिकाओं को राज्य महिला आयोग सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाएगा। आयोग इस अभियान को इसी माह के अंतिम हफ्ते तक शुरू करने जा रहा है। विशेष तौर पर बस्तियों में रहने वाली बालिकाओं के लिए यह अभियान शुरू करने जा रहा है। इसके तहत बाल विकास परियोजना अधिकारी और आयोग की टीम इस तरह की बालिकाओं की सूची तैयार करेंगे। इसके बाद स्थानीय स्कूलों में इन्हें दाखिला मिलेगा। इस बारे में संबंधित बालिकाओं के अभिभावकों से वार्ता कर उन्हें स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
दरअसल, आयोग के पास इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं कि कई बस्तियों में आज भी बालिकाओं को घर के कार्य तक ही सीमित कर दिया है, ऐसे में उनकी शिक्षा को लेकर कुछ अभिभावक भी फिक्रमंद नहीं है। महिला एवं बाल विकास की ओर से भले ही स्कूल जाने के लिए विभिन्न जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हों, लेकिन कुछ जगहों पर बालिकाओं को अभिभावक स्कूल नहीं भेजते। ऐसी स्थिति में आयोग की टीम नवंबर अंतिम हफ्ते तक इन बस्तियों का दौरा कर स्कूल न जाने वाली बालिकाओं की सूची तैयार करेगी और उन्हें घर के नजदीकी सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाएगी। इसमें विभिन्न सामाजिक संस्थाएं भी मदद करेंगी। संबंधित अभिभावकों को शिक्षा और बालिकाओं की पढ़ाई का महत्व भी बताने के साथ उन्हें जागरूक किया जाएगा। बीते माह इस संबंध में आयोग ने शिक्षा विभाग से भी अभियान में जुड़ने को कहा है।
महिला आयोग अध्यक्ष विजय बड़थ्वाल ने कहा कि बाल विकास परियोजना अधिकारी को एक महीने में सूची उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कहा कि एक भी बालिका का स्कूल न जाना चिंता का विषय है। अभिभावकों को भी बालिकाओं के शिक्षण को लेकर जागरूक होना चाहिए।
यह भी पढ़ें: CTET केंद्र बदलने के लिए अब छात्र 26 तक कर सकेंगे आवेदन, 31 जनवरी को होनी है परीक्षा