ऋण देने में गड़बड़ी पर नपेंगे एआर और जीएम: धन सिंह
प्रदेश की सहकारी बैंकों में ऋण देने में कोई गड़बड़ी हुई तो इसके लिए महाप्रबंधक (जीएम) और सह प्रबंधक (एआर) दोषी माने जाएंगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेश की सहकारी बैंकों में ऋण देने में कोई गड़बड़ी हुई तो इसके लिए महाप्रबंधक (जीएम) और सह प्रबंधक (एआर) दोषी माने जाएंगे। भ्रष्टाचार की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ सीधे बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। यह बातें शुक्रवार को दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत आयोजित ऋण वितरण समारोह में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहीं। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार पर भाजपा सरकार का रुख सख्त है। जल्द ही सरकार भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने जा रही है।
जीएमएस रोड स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में हुए समारोह में सहकारिता मंत्री समेत अन्य अतिथियों ने देहरादून से चयनित पांच स्वयं सहायता महिला समूहों और 10 किसानों को 49.50 लाख रुपये के ऋण के चेक प्रदान किए। इस दौरान सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश में ब्याज मुक्त ऋण देकर किसानों, प्रवासियों और बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। बताया कि ब्याज मुक्त पाच लाख रुपये का ऋण महिला स्वयं सहायता समूह ही नहीं बल्कि पुरुष स्वयं सहायता समूह भी ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व में एक संपत्ति पर दो जगह से लोन लेने के मामले भी सामने आए हैं। ऐसे भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाम कसने के लिए सहकारी समितियों को डिजीटलाइज किया जा रहा है। चेहरा नहीं, काम देखकर मिले ऋण
कार्यक्रम में टिहरी सासद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने कहा कि ऋण चेहरा देखकर नहीं बल्कि काम देखकर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को ऋण देने के मामले में टिहरी जिला अव्वल है। यहां एक साल में 445 व्यक्तियों को नौ करोड़ रुपये का ऋण दिया जा चुका है। रजिस्ट्रार सहकारिता बीएम मिश्रा ने कहा कि सहकारिता विभाग अभी तक 4.38 लाख व्यक्तियों को 2300 करोड़ रुपये का ऋण बाट चुका है। कार्यक्रम में विधायक हरबंस कपूर, महापौर सुनील उनियाल गामा, यूसीएफ के अध्यक्ष बृजभूषण गैरोला, राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष दान सिंह रावत, अजीत सिंह, जगत सिंह चौहान, डीसीबी टिहरी के अध्यक्ष सुभाष रमोला, अमित शाह आदि मौजूद रहे।