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उत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों ने निकाला कैंडल मार्च, जानिए वजह

कर्मचारियों का आंदोलन अगले चरणों में तेज होने जा रहा है। दूसरे चरण में कर्मचारी सभी जिलों में कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताएंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 04:17 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 04:17 PM (IST)
उत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों ने निकाला कैंडल मार्च, जानिए वजह
उत्तराखंड में राज्य कर्मचारियों ने निकाला कैंडल मार्च, जानिए वजह

देहरादून, जेएनएन। दस सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। चरणबद्ध आंदोलन के दूसरे चरण में कर्मचारियों ने कैंडल मार्च निकालकर प्रदेश सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराया। हाथों में कैंडल थामे सादगीपूर्वक विरोध में भी कर्मचारियों के तेवर तल्ख नजर आए। उधर, कैंडल मार्च से पहले कर्मचारियों ने आतंकी हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।

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शुक्रवार शाम छह बजे परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर राज्य कर्मचारियों के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया था। साढ़े छह बजे कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इसके बाद यहां से उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले कैंडल मार्च निकाला गया। हाथों में कैंडल थामे कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताया। हालांकि, कर्मचारियों के तेवर नरम भी नहीं रहे। कैंडल मार्च के बाद हुई सभा में समिति के संयोजक मंडल के सदस्य ठाकुर प्रहलाद सिंह ने कहा कि कर्मचारियों ने सरकार को पर्याप्त समय दिया है। यदि सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती तो यह बेहद निराशाजनक होगा।

दीपक जोशी ने कहा कि कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री पर विश्वास जताकर आंदोलन स्थगित किया। मुख्यमंत्री को भी कर्मचारियों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। इस अवसर पर संतोष रावत, नवीन कांडपाल, सुनील कोठारी, राकेश जोशी, गिरिजाशंकर चतुर्वेदी समेत कई अन्य संगठनों के नेता उपस्थित रहे। खराब मौसम में भी जुटे कर्मचारी शुक्रवार शाम को खराब मौसम में भी कर्मचारी कैंडल मार्च में जुटे।

इस बीच हल्की बारिश भी हुई, लेकिन कर्मचारी डिगे नहीं। शुरू में हुई सभा से लेकर कैंडल मार्च के अंतिम समय तक कर्मचारी वहीं उपस्थित रहे और बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन सौंपो कार्यक्रम 24 को अब तीसरे चरण में 24 फरवरी को सभी जिलों में डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन सौंपो कार्यक्रम होगा। कर्मचारियों की तरफ से यह सरकार के लिए अंतिम अल्टीमेटम होगा। समन्वय समिति के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, यदि सरकार ने 24 फरवरी तक कोई निर्णय नहीं लिया तो प्रदेशव्यापी महारैली की तिथि का एलान किया जाएगा।

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