चुनाव में सदस्यों की खरीद-फरोख्त रोकने को राज्य निर्वाचन आयोग गंभीर
जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों में प्रमुख ज्येष्ठ व कनिष्ठ उपप्रमुखों के चुनाव में सदस्यों की खरीद-फरोख्त रोकने के क्रम में राज्य निर्वाचन आयोग गंभीर है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों में प्रमुख, ज्येष्ठ व कनिष्ठ उपप्रमुखों के चुनाव में सदस्यों की खरीद-फरोख्त रोकने के क्रम में राज्य निर्वाचन आयोग ने गंभीर रुख अपनाया है। हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार सभी जिलाधिकारियों व एसएसपी को 34 बिंदुओं पर गाइडलाइन भेजी गई है। इसके साथ ही निर्वाचन में भाग लेने वाले सभी सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
जिला पंचायतों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और क्षेत्र पंचायतों में प्रमुख, ज्येष्ठ व कनिष्ठ उप प्रमुखों के चुनाव में सदस्यों की खरीद- फरोख्त की शिकायतें पूर्व में सुर्खियां बनती आई हैं। इसे देखते हुए हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। अब राज्य निर्वाचन आयोग ने भी इस दिशा में कदम उठाए हैं।
राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने मंगलवार को बताया कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार सभी डीएम व एसएसपी को गाइडलाइन भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं से भी खरीद-फरोख्त या अन्य कोई शिकायत आती है तो तुरंत इसका संज्ञान लेकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि चुनाव के मद्देनजर सभी जिला व क्षेत्र पंचायत सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में उन्हें पत्र भेजा गया है।
पत्र में हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए डीएम व एसएसपी से कहा गया है कि जिपं अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख व उपप्रमुखों के चुनाव की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष व शांतिपूर्ण निर्वाचन के लिए सदस्यों की मांग पर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यदि किसी सदस्य के अपहरण की शिकायत किसी भी माध्यम से प्राप्त होने पर तत्काल दोषी के विरुद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई जाए।
1700 ईवीएम हो चुकी खराब
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने एक सवाल पर कहा कि आयोग के पास ईवीएम से मतदान के लिए मात्र 1700 मशीनें हैं। ये भी 10 साल पुरानी हो गई हैं और इनकी मियाद इतनी ही होती है। लिहाजा, निकट भविष्य में नई मशीनों की खरीद के लिए सरकार से आग्रह किया जाएगा।
कुंभ से पहले होंगे हरिद्वार में चुनाव
एक प्रश्न पर राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि हरिद्वार जिले में पंचायतों का कार्यकाल अपै्रल 2021 में खत्म होना है। 2021 में हरिद्वार में महाकुंभ भी है। इसे देखते हुए महाकुंभ से पहले हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे।
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मतपत्र पर दस्तखत नहीं तो नपेंगे पीठासीन अधिकारी
स्थानीय निकाय व पंचायत चुनावों के मतदान के दौरान यदि किसी मतपत्र पर पीठासीन अधिकारी के दस्तखत नहीं होंगे तो उनका नपना तय है। पंचायत चुनाव के दौरान आई ऐसी शिकायतों को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग अब यह कदम उठाने जा रहा है। रुड़की नगर निगम चुनाव से यह व्यवस्था अमल में लाई जाएगी।
पंचायत चुनाव के दौरान टिहरी जिले के क्षेत्र पंचायत वार्ड संख्या 34 (विरोड) समेत कुछ स्थानों पर ये शिकायत आई थी कि 40 मतपत्रों पर पीठासीन अधिकारी के दस्तखत नहीं थे। इसके चलते ये मतपत्र रद्द घोषित किए गए। नतीजतन प्रत्याशियों को नुकसान उठाना पड़ा। विरोड से प्रत्याशी सुधीर प्रसाद नौटियाल ने इस बारे में मंगलवार को आयोग से शिकायत भी की। वहीं, कुछेक अन्य स्थानों पर भी ऐसी ही शिकायतें आई थी। अब आयोग इस दिशा में गंभीर हुआ है।
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आयोग सूत्रों के अनुसार मतपत्रों में पीठासीन अधिकारी के दस्तखत न होने का खामियाजा प्रत्याशियों को न उठाना पड़े, इसके लिए व्यवस्था की जा रही है। इसमें पीठासीन अधिकारी पर कार्रवाई के साथ ही मतपत्रों को गिनती में लाया जाएगा।
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