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राज्य आंदोलनकारियों को सचिवालय कूच से रोका, मुख्‍यमंत्री को भेजा ज्ञापन

राज्य आंदोलनकारी ने रैली निकालकर सचिवालय के लिए कूच किया लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस बल ने उन्हें लैंसडाउन चौक से आगे नहीं बढ़ने दिया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 08:02 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 09:21 PM (IST)
राज्य आंदोलनकारियों को सचिवालय कूच से रोका, मुख्‍यमंत्री को भेजा ज्ञापन
राज्य आंदोलनकारियों को सचिवालय कूच से रोका, मुख्‍यमंत्री को भेजा ज्ञापन

देहरादून, जेएनएन। राज्य आंदोलनकारियों को राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा दिए जाने व राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद में उपाध्यक्ष की नियुक्ति समेत अन्य लंबित मांगों को लेकर उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मंच से जुड़े आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। 

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अपनी लंबित मांगों को लेकर मंच से जुड़े तमाम राज्य आंदोलनकारी शुक्रवार को सचिवालय कूच करने के लिए कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक पर एकत्र हुए। इसके बाद उन्होंने रैली निकालकर सचिवालय के लिए कूच किया, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस बल ने उन्हें लैंसडाउन चौक से आगे नहीं बढ़ने दिया। ऐसे में राज्य आंदोलनकारियों ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर ही प्रदर्शन किया।

 

बाद में एसडीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा। कहा कि मांगों का जल्द समाधान नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा। मंच के केंद्रीय अध्यक्ष नंदा वल्लभ पांडे के नेतृत्व में रैली निकाल रहे राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा कर रही है। कई बार आंदोलन करने के बाद भी उनकी जायज मांगों का समाधान नहीं किया गया।

कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को राज्य निर्माण सेनानी मंच का दर्जा दिए जाने की मांग पिछले लंबे समय से की जा रही है। इस बावत कई बार सरकार व शासन को ज्ञापन भेजा जा चुका है। हर मर्तबा झूठा आश्वासन ही मिला। कहा कि राज्य सरकार के कार्यकाल को तीन साल का समय पूरा होने जा रहा है, लेकिन अब तक राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद में उपाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई है। 

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इससे जाहिर होता है कि सरकार राज्य आंदोलनकारियों के हितों के प्रति कितनी संजीदा है। पीएस भंडारी, कुलदीप सिंह नेगी, प्रभात डंडरियाल, खुशीराम, रतनलाल कोठियाल, आशा पयाल, सरोजनी रावत, इंदु भट्ट, उर्मिला चंद, सुशीला नैनवाल, लता रावत, कौशल्या नौटियाल, अनीता रावत, भूमा देवी, उर्मिला कुकरेती, भागीरथी रतूड़ी, मनोरमा कोटनाला आदि भी रैली में शामिल रहे। 

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