घंटी, ढफली और थकुली बजाते हुए राज्य आंदोलनकारियों ने किया विधानसभा कूच
प्रदेशभर के विभिन्न संगठनों से जुड़े राज्य आंदोलनकारियों ने विधानसभा कूच किया। घंटी ढफली और थकुली बजाते हुए आंदोलनकारी कचहरी स्थित शहीद स्मारक से रवाना हुए।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संगठन के बैनर प्रदेशभर के विभिन्न संगठनों से जुड़े राज्य आंदोलनकारियों ने विधानसभा कूच किया। घंटी, ढफली और थकुली बजाते हुए आंदोलनकारी कचहरी स्थित शहीद स्मारक से रवाना हुए। रिस्पना से पहले ही पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाकर आंदोलनकारियों को रोक लिया।
राज्य आंदोलनकारी मंच के आह्वान पर विभिन्न संगठन विधानसभा कूच को पहुंचे। आंदोलनकारी जगमोहन सिंह नेगी ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर घंटी और कांसे की थकुली बजाकर रैली को रवाना कराया। आंदोलनकारी विधानसभा के पास पहुंचे तो रिस्पना से पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया, जहां आंदोलनकारी पुलिस से उलझ गए और हल्की नोकझोंक हुई। जिसके बाद सभी आंदोलनकारी सड़क पर बैठ गए और गीत गाकर सरकार का विरोध किया।
पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराया और 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को विधानसभा वार्ता के लिए ले गए। जहां राज्य मंत्री धन सिंह रावत और विधायक विनोद चमोली से उनकी वार्ता हुई। धन सिंह रावत ने आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया कि इसी माह एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें सरकार के प्रतिनिधि और राज्य आंदोलनकारियों के बीच बिंदुवार चर्चा होगी।
उधर, प्रदर्शन करने वालों में रामलाल खंडूड़ी, रविंद्र जुगरान, प्रदीप कुकरेती, वेद प्रकाश शर्मा, जबर सिंह पावेल, महेंद्र रावत, अमर सिंह महितान, हर्षपति काला, विशालमणी बंधानी, सुलोचना भट्ट, चंद्रकाता बेलवाल, ओमी उनियाल, धन सिंह गुसाईं, प्रमिला रावत, ज्ञान देवी कुंडलिया, कमला बमोला, विनोद असवाल, प्रभा नैथानी, बलबीर नेगी, लक्ष्मी थपलियाल, नमन चंदोला, लोक बहादुर थापा आदि मौजूद रहे।
यह हैं आंदोलनकारियों की आठ सूत्रीय मांगें
- मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दी जाए।
- राज्य आंदोलनकारियों के 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण का एक्ट जारी किया जाए और चिह्नीकरण के लंबित मामलों को निपटाने के साथ ही एक समान पेंशन जारी करना व सम्मान परिषद का शीघ्र गठन करना।
- राजधानी गैरसैंण घोषित की जाए।
- समूह ग में रोजगार कार्यालय व स्थाई प्रमाण पत्र की अनिवार्यता।
- राज्य में लोक आयुक्त का शीघ्र गठन किया जाए।
- राज्य के भू कानून में बदलाव व भू खरीद पर रोक लगाई जाए।
- राज्य में भविष्य का होने वाले परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर हों।
- छात्रों, बेरोजगार व आयुष के साथ आंंदोलनकारियों पर मुकदमे वापस हों।
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