स्टार्टअप पर भी पड़ी कोरोना की मार, फिनाले का नहीं हुआ आयोजन
उत्तराखंड से प्रतिवर्ष पचास हजार रुपये प्रति छात्र इनाम पाने वाले छात्रों पर कोरोना संक्रमण की मार पड़ी है। सरकार की ओर से प्रतिवर्ष प्रथम दस छात्रों को पचास-पचास हजार रुपये इनामी राशि इस बार कोसोना संक्रमण ने निगल ली है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड से प्रतिवर्ष पचास हजार रुपये प्रति छात्र इनाम पाने वाले छात्रों पर कोरोना संक्रमण की मार पड़ी है। सरकार की ओर से प्रतिवर्ष प्रथम दस छात्रों को पचास-पचास हजार रुपये इनामी राशि इस बार कोसोना संक्रमण ने निगल ली है। एक साल की उपलब्धि रुक गई हो लेकिन आगे भविष्य की उम्मीद बाकी है।
उत्तराखंड में स्टार्टअप के अभी तक 70 मामले ही सरकार से पंजीकृत हैं। देहरादून के पांच इन्क्यूबेटर में 60 स्टार्टअप पंजीकृत हैं जिनमें सबसे अधिक छह ग्राफिक एरा विवि से संबद्ध हैं। रोबोटिक सांइस की आधुनिक तकनीकी पर सबसे अधिक कार्यक्रम इसी क्षेत्र में है। उत्तराखंड उद्योग निदेशालय की ओर से प्रतिवर्ष स्टार्टअप ग्रेंड फिनाले आयोजित किया जाता है जिसमें देशभर के आइआइटी, आइआइएम, विवि व प्रतिष्ठित कॉलेज के छात्र-छात्राएं प्रतिभाग लेते हैं। पिछले पांच तीन सालों में सरकार ने स्टार्टअप फिनाले का आयोजन कर उत्तराखंड के पांच दर्जन स्टार्टअप को खोजा है। सरकार की ओर से प्रति फिनाले पचास हजार रुपये ईनाम दिया जाता है। इस बार कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश के विवि व कॉलेज में स्टार्टअप बूट शिविर कार्र्यक्रम हो ही नहीं पाए।
प्रतिवर्ष देहरादून व कमाऊं के विवि व इंजीनियरिंग कॉलेजों में 16 बूट केंद्रों का आयोजन किया जाता है जिनमें आइआइएम, आइआइटी के छात्र प्रतिभाग कर स्टार्टअप के लिए प्रतिभाग करते हैं। अभी तक सबसे अधिक ग्राफिक एरा विवि व पेट्रोलिएम एवं इनर्जी स्टडीज ऑफ उत्तराखंड विवि के सबसे अधिक छात्र स्टार्टअप में सफल हुए हैं। उत्तराखंड सरकार के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार स्टार्टअप के लिए बचनबद्ध है। प्रदेशभर में इस बार कोरोना संक्रमण के कारण स्टार्टअप फिनाले आयोजित अभी तक नहीं हुआ है। आगे इसके आयोजन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
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