Sports Policy 2020: तो क्या लागू हो पाएगी पेंशन योजना, खेल नीति-2014 में भी थी शामिल
खेल नीति 2020 के ड्राफ्ट में इस बार फिर पेंशन योजना को शामिल किया गया है लेकिन क्या यह योजना इस बार भी लागू हो पाएगी। इससे पहले खेल नीति 2014 में भी इस योजना को शामिल किया गया था।
जागरण संवाददाता, देहरादून। खेल नीति 2020 के ड्राफ्ट में इस बार फिर पेंशन योजना को शामिल किया गया है, लेकिन क्या यह योजना इस बार भी लागू हो पाएगी। इससे पहले खेल नीति 2014 में भी इस योजना को शामिल किया गया था। पर, छह सालों में खेल विभाग और सरकारें इसे लागू नहीं कर पाए। खेल नीति 2020 में पदक विजेताओं को नकद पुरस्कार की सूची में राष्ट्रमंडल खेल को शामिल किया गया है।
उत्तराखंड में खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए खेल नीति 2020 का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इसमें खिलाड़ियों को मिलने वाली पुरुस्कार राशि और पेंशन योजना को शामिल किया गया है। भूतपूर्व खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से मदद करने के उद्देश्य से पेंशन योजना को खेल नीति 2014 में भी शामिल की गई थी, लेकिन आज तक इस योजना को लागू नहीं कर पाए।
इसके लिए कई बार जीओ तैयार किया गया, लेकिन किसी न किसी कमी के चलते यह योजना लागू नहीं हो पाई। अब खेल नीति 2020 में कुछ बदलाव के साथ पेंशन योजना को दोबारा शामिल किया गया है। पेंशन योजना में ओलंपिक, विश्व कप में पदक जीतने व प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को 7500 रुपये प्रति माह, एशियाड, कामनवेल्थ प्रतियोगिताओं में पदक जीतने व प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को 6500 रुपये प्रति माह व सैफ, यूथ ओलंपिक, यूथ एशियन, यूथ राष्ट्रमंडल प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को पांच हजार रुपये प्रति माह पेंशन देने का प्राविधान है।
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