धीमी हो सकती है विकास कार्यों की रफ्तार, सरकार का पूरा फोकस स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने पर
उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब सरकार का पूरा फोकस स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने पर है। बजट का एक बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य कार्यों को और बेहतर बनाने में इस्तेमाल हो रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब सरकार का पूरा फोकस स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने पर है। बजट का एक बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य कार्यों को और बेहतर बनाने में इस्तेमाल हो रहा है। कोविड कफर्यू में कार्यालय तो खुले हैं, लेकिन इनमें बहुत अधिक कार्य नहीं हो रहा है। राजस्व अर्जन के महत्वपूर्ण विभागों में वसूली नहीं हो पा रही है। अभी प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक है, लेकिन यदि संक्रमण की यही रफ्तार रही तो फिर आने वाले समय में विकास कार्यों के लिए धनावंटन में कटौती हो सकती है।
प्रदेश में इस समय कोरेाना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया हुआ है। स्थिति यह है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के मौजूदा संसाधन इससे निपटने के लिए अब कम पड़ने लगे हैं। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार का पूरा फोकस स्वास्थ्य सुविधाएं को बढ़ाने पर है। नए अस्थायी अस्पताल बनाने, आइसीयू बेड बढ़ाने, आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए खासा खर्च किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने 18 से 44 आयुवर्ग का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया है। इसके लिए भी 450 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।
इसके अलावा 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए लगातार वैक्सीन की खरीद की जा रही है। जहां नए अस्थायी अस्पताल बन रहे हैं, वहां भी मानव संसाधन के लिए बजट दिया जा रहा है। अधिकांश सरकार कार्यालयों में 50 फीसद कर्मचारी उपस्थिति के साथ काम किया जा रहा है। सरकार ने निर्माण कार्यों पर रोक तो नहीं लगाई है लेकिन इसमें अब श्रमिकों की कमी महसूस होने लगी है। इससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। राजस्व वसूली का प्रमुख जरिया पर्यटन ठप है।
आबकारी से भी सरकार को अच्छा राजस्व मिलता है, लेकिन फिलहाल शराब की दुकानें बंद हैं। ऐसे में सरकार को आय कम हो रही है और खर्च ज्यादा हो रहा है। सरकार ने फिलहाल नए विकास कार्यों के लिए अब बजट खर्च करने से हाथ पीछे खींचने शुरू कर दिए हैं। सचिव वित्त अमित नेगी का कहना है कि अभी सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक है। कर्मचारियों को अगले दो माह तक वेतन देने की व्यवस्था सरकार के पास है। यह बात सही है कि अपेक्षित राजस्व वसूली नहीं हो पा रही है, लेकिन अभी स्थिति नियंत्रण में हैं।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में कोरेाना ने थामी आटोमेटेड टेस्टिंग लेन की रफ्तार, पढ़िए पूरी खबर
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें