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महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सपा कार्यकर्त्‍ता भड़के, किया प्रदर्शन

उत्‍तराखंड में महंगाई बेरोजगारी कोरोना और कानून-व्यवस्था को लेकर सोमवार को समाजवादी पार्टी कार्यकर्त्‍ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी भेजा। कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने में नाकाम रही है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 01:11 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 01:11 PM (IST)
महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सपा कार्यकर्त्‍ता भड़के, किया प्रदर्शन
महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर डीएम कार्यालय के समक्ष सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते सपा कार्यकर्ता।

देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना और कानून-व्यवस्था को लेकर सोमवार को समाजवादी पार्टी कार्यकर्त्‍ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी भेजा।

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कार्यकर्त्‍ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष गुलफाम अली ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने में नाकाम रही है। इसके अलावा जमाखोरी के कारण प्रदेश में महंगाई बेकाबू हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अध्यादेश लाकर किसानों को गुलाम बनाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी भाजपा सरकार की दमनकारी नीतियों को सहन नहीं करेगी। प्रदर्शन करने वालों में पूर्व प्रदेश महासचिव डॉ. आरके पाठक, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष अतुल शर्मा, आरिफ वारसी, श्रम सभा के प्रदेश अध्यक्ष नासिर मंसूरी समेत अन्य मौजूद रहे।

भाकियू ने कृषि विधेयक को बताया किसान विरोधी 

केंद्र सरकार की ओर से कृषि संबंधी विधेयक पारित किए जाने पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने विरोध जताया है। भाकियू ने विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र ही कानून रद नहीं किया तो किसान सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।

लोकसभा व राज्यसभा में पारित कृषि संबंधी विधेयक पर विरोध दर्ज कराते हुए भाकियू कार्यकर्त्‍ताओं ने उप जिलाधिकारी विकासनगर के माध्यम से केंद्र सरकार को एक ज्ञापन प्रेषित किया। उन्होंने कहा है कि विधेयक के कानून बन जाने के बाद किसानों के सामने बड़े व्यापारियों के सामने घुटने टेकने की मजबूरी हो जाएगी। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में पूंजी लगाने वाले कॉरपोरेट घराने किसानों की जमीनों को बंधक बनाकर उनका शोषण करेंगे। भाकियू ने विधेयक को वापस लेने की मांग करते हुए यह चेतावनी भी दी है, यदि शीघ्र ही इन काले कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो किसान सड़कों पर उतरकर सरकार का विरोध करेंगे। 

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ज्ञापन देने वालों में भाकियू के कार्यवाहक अध्यक्ष नेक मोहम्मद, नरेश चौहान, जगबीर सिंह बालियान, विमल तोमर, अशोक कश्यप, भगवान सिंह चौहान, अनूप सिंह, सुरेंद्र सिंह, शेर सिंह, नीरज सिंह, मलखान सिंह, भोपाल सिंह, अरुण चौहान, अजमेर सिंह, नरेश, सतीश, हरबीर सिंह, आनंद सिंह आदि शामिल रहे।

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