आइएमए से पास आउट युवाओं ने वर्दी पहनी अब सेहरे की बारी
आइएमए से पास आउट होने वाले कुछ युवा अफसर नई पारी की शुरुआत करने को तैायर है तो कोई अभी अपने कॅरियर पर ही फोकस कर रहा है।
देहरादून, जेएनएन। दून के भी कई जेंटलमैन कैडेट्स आइएमए से पास आउट होकर सैन्य अफसर बन गए हैं। उनके परिवारों की खुशी सातवें आसमान पर दिखी। अब कोई अफसर बनते ही नई पारी की शुरुआत करने को तैायर है तो कोई अभी अपने कॅरियर पर ही फोकस कर रहा है।
मूल रूप से पौड़ी के अंसारी-थापला निवासी (हाल में दून के प्रेमनगर निवासी) जयपिंग नेगी आइएमए से सैन्य अफसर बनकर भारतीय सेना की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। रविवार को उनकी सगाई है। जयपिंग ने वर्दी तो पहन ली अब सेहरा पहनने की बारी है। पीपिंग सेरेमनी के दौरान माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, अफसर बनने के साथ ही बेटे की सगाई को लेकर सेना से रिटायर्ड पिता वीरेंद्र सिंह और माता शकुंतला देवी खासे उत्साहित दिखे।
खुशी के मारे मां के मुख से लफ्ज भी नहीं निकल रहे थे। जयपिंग ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को तो दिया ही होने वाली मंगेतर काजल को भी अपने लिए लक्की बताया। जयपिंग कहते हैं कि जब से काजल गुसाईं उनके जीवन में आई हैं, वे और जिम्मेदारी से कार्य कर रहे हैं। काजल कोटद्वार की रहने वाली हैं और एमबीए कर चुकी हैं।
दून निवासी युवाओं में सैन्य वर्दी की गजब की ललक है। वर्तमान दौर में जब कॅरियर के तमाम विकल्प मौजूद हैं, वह सेना को तरजीह दे रहे हैं। ईश्वार विहार नत्थुवाला निवासी अजय रावत की कहानी भी कुछ ऐसी है। पिता आनंद सिंह रावत एसपीजी में हैं और अभी दिल्ली में कार्यरत हैं। मां मीना रावत गृहणी हैं। भाई अभय रावत एनआइटी भोपाल से एमसीए कर रहे हैं। पर अजय ने तमाम विकल्प छोड़ फौज में कॅरियर चुना।