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सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों की अब खैर नहीं, होगी कड़ी कार्रवाई

उत्तराखंड की कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर अब शिकंजा कसेगा। ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

By Edited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 07:23 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 08:23 AM (IST)
सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों की अब खैर नहीं, होगी कड़ी कार्रवाई
सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों की अब खैर नहीं, होगी कड़ी कार्रवाई

देहरादून, राज्य ब्यूरो। सोशल मीडिया पर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर शिकंजा कसेगा। ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल मीडिया की मॉनीटरिंग के लिए प्रणाली को मजबूत बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार और अनियमितता से जुड़े महत्वपूर्ण प्रकरणों में गोपनीय जांच के बजाय खुली जांच या एफआइआर करने की हिदायत दी। अब सतर्कता निदेशक अभिसूचना संकलन और संदिग्ध मामलों का स्वत: संज्ञान लेकर अपर मुख्य सचिव सतर्कता की मंजूरी के बाद सतर्कता निदेशक आरोपी के आवासों और अन्य स्थानों पर छापे मार सकेंगे। 

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भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जीरो टॉलरेंस का रुख सचिवालय में शुक्रवार को सतर्कता विभाग की समीक्षा बैठक में साफ नजर आया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैपिंग सिस्टम में लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। इसके लिए सतर्कता अधिष्ठान को ट्रैप और अन्वेषण सिस्टम मजबूत करना होगा। मुख्यमंत्री ने विभागों में विभिन्न प्रकरणों में लंबी अवधि के बाद जांच विजिलेंस को देने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि विभाग को प्रकरण को विजिलेंस के सुपुर्द करना है तो यह कार्रवाई एक साल के अंदर पूरी होनी चाहिए। 
प्रत्येक सरकारी विभाग में विजिलेंस नोडल ऑफिसर को एक महीने के भीतर अपेक्षित सूचनाएं सतर्कता विभाग को उपलब्ध कराने के लिए जवाबदेह बनाया गया है। बैठक में तय किया गया कि प्रत्येक राज्याधीन कार्यरत कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से हर साल प्रॉपर्टी रिटर्न ऑनलाइन दाखिल करना होगा। मुख्यमंत्री ने अभिसूचना और सुरक्षा विभाग के कार्यो की समीक्षा भी की। उन्होंने अभिसूचना तंत्र को मजबूत करने और इसके लिए थाना स्तर पर निरंतर समन्वय पर जोर दिया। 
सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास पर जोर म ख्यमंत्री ने राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मूलभूत आवश्यकताएं मुहैया कराने और वहां अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने को प्राथमिकता देने को कहा। इसके लिए केंद्र सरकार की सीमांत क्षेत्र विकास परियोजना व राज्य में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना पर फोकस किया जाएगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, न्याय सचिव प्रेम सिंह खिमाल, गृह सचिव नितेश झा, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, डीजीपी कानून व्यवस्था अशोक कुमार, एडीजी सतर्कता विनय कुमार व आइजी अमित सिन्हा शामिल थे।

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