यहां बारिश नहीं बर्फबारी ने बुझाई सूखे खेतों की प्यास, जानिए
पिछले तीन महीने में सामान्य से करीब 70 फीसद कम बारिश के बावजूद खेत खूब लहलहाएंगें। पोस्ट मानसून की कम बारिश के प्रतिकूल प्रभाव को पहाड़ों में अच्छी बर्फबारी ने कम कर दिया है।
देहरादून, अशोक केडियाल। उत्तराखंड में पिछले तीन महीने में सामान्य से करीब 70 फीसद कम बारिश के बावजूद खेत खूब लहलहाएंगें। पोस्ट मानसून की कम बारिश के प्रतिकूल प्रभाव को पहाड़ों में अच्छी बर्फबारी ने कम कर दिया है। अक्टूबर-नवंबर में पर्वतीय क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी से निचले क्षेत्रों में पर्याप्त नमी और आद्रता रही है, जिससे फसलों को खासा लाभ मिलने की संभावना है।
मौसम के जानकारों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के दवाब और शीतलहर के चलते जनवरी माह में उत्तराखंड व हिमाचल में बारिश और बर्फबारी का कम से कम एक चक्र पूरा होता है। जनवरी की बारिश और बर्फबारी के बाद मिट्टी में नमी के व आद्रता अप्रैल प्रथम सप्ताह तक बनी रहती है। जिससे आगे भी फसलों को लाभ मिलता है।
उल्लेखनीय है कि एक अक्टूबर से 31 दिसंबर 2018 तक नब्बे दिनों के बीच पोस्ट मानसून सीजन में उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में सामान्य से 70 फीसद कम बारिश हुई। इस समयांतराल में प्रदेशभर में सामान्य बारिश का आंकड़ा 83.5 फीसद रहता है, जबकि इस बार बारिश केवल 25.1 फीसद हुई, जो सामान्य से 70 फीसद कम है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने भी माना कि बारिश सामान्य से बेहद कम हुई है। वहीं कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ों में हुई पर्याप्त बर्फबारी से भूमि में काफी नमी है और यही नमी फसलों की अच्छी पैदावार में सहायक है।
उद्यान विभाग के निदेशक गौरीशंकर ने बताया कि पिछले तीन महीने में बारिश बेशक कम हुई, लेकिन एक-दो बार कहीं-कहीं हल्की बारिश व पहाड़ों में जमकर हुई बर्फबारी से मिट्टी में अभी पर्याप्त नमी है। दिसंबर में तापमान बेहद कम होने से भी आद्रता बढ़ गई है। पहाड़ों से लेकर मैदान तक इस बार मार्च महीने तक खेतों में नमी बने रहने की संभावना है। जनवरी में बारिश व बर्फबारी नकदी फसलों, गेंहू, सरसों एवं तिलहनी फसलों के लिए लाभकारी होगी।
निदेशक मौसम विभाग बिक्रम सिंह ने बताया कि पोस्ट मानसून सीजन में बारिश का आंकड़ा सामान्य से नीचे ही रहता है। क्योंकि उत्तर भारत से मानसून के विदा होने के बाद बारिश कम हो जाती है। इस दौरान मैदानी इलाकों में बारिश कम हुई, लेकिन पहाड़ों में अच्छी बर्फबारी से प्राकृतिक स्रोतों व नदियों में पानी की कमी नहीं होगी। जो फसल चक्र के लिए भी लाभदायक है।
एक अक्टूबर से 31 दिसंबर, 2018 तक हुई बारिश, फीसद में
जिला, सामान्य बारिश, बारिश हुई, फीसद कमी
पौड़ी, 75.2, 13.4, 90
अल्मोडा, 79.2, 13.4, 83
यूएस नगर, 85.3, 3.3, 96
टिहरी, 79.7, 30.4, 62
नैनीताल, 100.8, 22.3, 78
हरिद्वार, 43.6, 16.0, 63
चंपावत, 101.8, 15.0, 85
उत्तरकाशी, 98.8, 36.9, 60
देहरादून, 88.6, 27.4, 69
पिथौरागढ़, 92.1, 32.9, 64
चमोली, 71.1, 39.8, 44
बागेश्वर, 79.2, 11.7, 85
रुद्रप्रयाग, 87.5, 19.5, 78
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