छोटे करदाताओं को मिली राहत, रिटर्न दाखिल करना भी होगा सरल
उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक गुरुवार को सदन में पारित कर दिया गया। इसमें छोटे करदाताओं को राहत दी गई है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार ने जीएसटी में जो संशोधन किए हैं, उन्हें राज्य ने भी अपना लिया है। इस सिलसिले में उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक गुरुवार को सदन में पारित कर दिया गया। इसमें छोटे करदाताओं को राहत दी गई है। साथ ही त्रैमासिक रिटर्न दाखिल करने के मद्देनजर रिटर्न को सरलीकृत किया गया है।
नई कर प्रणाली के तहत कई समस्याएं सामने आई। इनमें मुख्य असुविधा छोटे और मध्यम इकाइयों के लिए माल और सेवा कर विधि के अधीन विवरणी दाखिल करने और कर के भुगतान से संबंधित थी। अब विवरणी दाखिल करने की नई प्रणाली प्रस्तावित की गई है, जिसमें छोटे करदाताओं के लिए कम से कम कागजी कार्यवाही सहित विवरणी दाखिल करने का प्रविधान किया गया है। अधिनियम के मुताबिक विवरणी दाखिल करने में आ रही दिक्कतों के मद्देनजर विवरणी को सरलीकृत किया गया है।
सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं या मिश्रित आपूर्तिकर्ताओं को वैकल्पिक समाधान की सुविधा देने के माध्यम से अनुपालनाओं का सरलीकरण किया गया है। यही नहीं, दो या अधिक राज्यों अथवा संघ राज्य क्षेत्रों के अपीलीय प्राधिकरण द्वारा समान प्रश्न पर दिए गए विरोधाभाषी निर्णयों के विरुद्ध समरूपता सुनिश्चित की गई है।
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अध्यक्ष पद लाभ की श्रेणी से बाहर गैरसैंण
विकास परिषद के अध्यक्ष का पद अब लाभ की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। इस सिलसिले में गुरुवार को सदन में पेश किए गए उत्तराखंड राज्य विधान मंडल (अनर्हता निवारण) (संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया गया। इसमें प्रविधान किया गया है कि गैरसैंण विकास परिषद का अध्यक्ष पद लाभ की श्रेणी में नहीं आएगा।
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