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नजूल नीति मामले में एसएलपी करेंगे दायर

राज्य ब्यूरो, देहरादून वर्ष 2009 की नजूल भूमि नीति में फ्री होल्ड करने का प्रावधान निरस्त करने के

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 03:00 AM (IST)
नजूल नीति मामले में एसएलपी करेंगे दायर
नजूल नीति मामले में एसएलपी करेंगे दायर

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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वर्ष 2009 की नजूल भूमि नीति में फ्री होल्ड करने का प्रावधान निरस्त करने के हाईकोर्ट के फैसले से सरकार सकते में है। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जाएगी। साथ में उक्त नीति पर मुहर लगाने के लिए केंद्र सरकार के दर पर भी दोबारा दस्तक दी जाएगी।

हाईकोर्ट ने 2009 की नजूल भूमि नीति में अवैध कब्जाधारकों के पक्ष में भूमि फ्री होल्ड करने के प्रावधान को ही निरस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही राज्य सरकार पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। दरअसल, हाईकोर्ट ने नजूल भूमि को सार्वजनिक संपत्ति करार देते हुए इसे किसी भी अतिक्रमणकारी के पक्ष में फ्री होल्ड करने के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट के इस फैसले ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खुद हाईकोर्ट ने ये माना है कि सरकार अब तक करीब 20 हजार एकड़ भूमि को अवैध कब्जाधारकों के पक्ष में फ्री होल्ड कर चुकी है। जाहिर है कि उक्त आदेश के चलते नजूल भूमि फ्री होल्ड करने के सरकार के आदेश पर भी संकट खड़ा हो गया है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने का निर्णय लिया है।

सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जाने के साथ ही इस मामले को लेकर दोबारा केंद्र सरकार के पास भी जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की नजूल भूमि नीति को केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए कई बार पत्र भेजे जा चुके हैं। लेकिन, केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि अब दोबारा केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।


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