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अगर दिल को रखना चाहते हैं ठीक तो इस बात का रखें खास ध्यान

अगर आप अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो हर रोज सात घंटे की नींद जरूर लें। साथ ही अपनी नींद का एक शेड्यूल बना लें।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 29 Sep 2018 05:19 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 08:03 AM (IST)
अगर दिल को रखना चाहते हैं ठीक तो इस बात का रखें खास ध्यान
अगर दिल को रखना चाहते हैं ठीक तो इस बात का रखें खास ध्यान

हल्द्वानी, [जेएनएन]: अगर आप चाहते हैं कि आपका दिल हमेशा तंदरूस्त रहे और हृदय रोग की समस्या न हो तो अन्य प्रयासों के साथ-साथ यह जरूरी है कि आपको ठीक से नींद आए। इसके लिए बकायदा आपको शैड्यूल बनाकर चलना होगा। एक स्वास्थ्य व्यक्ति के लिए रोजाना छह से सात घंटे तक नींद जरूरी है।

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यह जानकारी विश्व हृदय दिवस के अवसर पर स्थानीय सैंट्रल अस्पताल में आयोजित जागरूकता शिविर के दौरान रोगियों को संबोधित करते हुए कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.प्रमोद जोशी ने दी। इस अवसर पर आयोजित किए गए शिविर के दौरान रोगियों की जांच भी की गई। शिविर का उदघाटन कालाढूंगी के विधायक बंसीधर भगत ने किया। इस अवसर पर विधायक ने भी आम लोगों के साथ बैठकर अपने हृदय की जांच करवाई।

जागरूकता शिविर के बाद पत्रकारों से बातचीत में डॉ.प्रमोद जोशी ने कहा कि पर्याप्त नींद की कमी धूम्रपान या मधुमेह के समान ही हृदय रोग को बढ़ावा दे सकती है। उन्होंने कहा  कि स्लिप डिसआर्डर वाले लोगों में कार्डियोवैस्कुलर बीमारी की व्यापकता 1.5 गुना अधिक पाई गई है, जबकि सामान्य मात्रा में सोने वाले लोगों की तुलना में कम सोने वाले लोगों में दिल का दौरा जैसे सीवीडी का खतरा दोगुना पाया गया है। कम नींद का संबंध लिपिड/कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने से भी पाया गया है जो दिल के दौरे के लिए एक प्रमुख ट्रिगर है।

उन्होंने कहा कि दिल पर अपर्याप्त नींद के प्रतिकूल प्रभावों को धूम्रपान या मधुमेह के समान ही खराब पाया गया है। डॉ.प्रमोद जोशी ने कहा कि हमारे निष्कर्ष स्लिप डिसआर्डर और कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के बीच संबंधों पर दुनिया भर में किये गये लोकप्रिय वैज्ञानिक अध्ययनों के मेटा-विश्लेषण पर आधारित हैं।

उन्होंने कहा कि मेटा-विश्लेषण के परिणामों की तुलना हमारे क्लिनिकल ऑब्जर्वेशन के निष्कर्षों से की गई और हम उनमें समानता देख सकते हैं। इसका मतलब यह है कि स्लिप डिसआर्डर उत्तराखंड क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ा जोखिम कारक है। उन्होंने कहा कि कोरोनरी हार्ट रोग (सीएचडी)-‘‘हार्ट-अटैक’’ का प्रकोप भारत में तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति आदर्श आहार नहीं खाता है या उचित मात्रा में शारीरिक गतिविधि नहीं करता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि एक व्यावहारिक, यथार्थवादी योजना का पालन करें जो धीरे-धीरे आपमें हृदय रोग विकसित होने की संभावना को कम करेगा।

बेहतर नींद चाहते हैं तो करें ये 

अपनी रोजाना की नींद के लिए शैडयूल तय करना जरूरी है।

सोने से पहले टेलीविजन, कंप्यूटर और स्मार्ट फोन के संपर्क में न आएं।

सोने व उठने का समय तय करना जरूरी है।

हृदय रोग से बचने के लिए क्या करें

अपने लिपिड प्रोफाइल की जांच कराने के लिए हर साल रक्त परीक्षण कराएं।

धूम्रपान कोरोनरी हृदय रोग के मुख्य कारणों में से एक है। 

उच्च रक्तचाप व मधुमेह को नियंत्रित रखें। 

आपके पेट का बाहर निकलना या चारों ओर बहुत अधिक वसा सर्वाधिक हानिकारक है।

ज्यादा समय तक कंप्यूटर के आगे कुर्सी पर बैठना भी हानिकारक है।

शराब का अधिक सेवन भी हृदय रोग को बढ़ावा देता है।

तनाव और अवसाद भी हृदय रोग का मुख्य कारण है।

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