स्कूल में सामूहिक दुष्कर्म के खिलाफ लोग उतरे सड़कों पर, एसआइटी करेगी जांच
जीआरडी वर्ल्ड बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के प्रकरण की जांच अब एसआइटी करेगी। घटना के विरोध में धरने व प्रदर्शन का दौर जारी है।
देहरादून, [जेएनएन]: जीआरडी वर्ल्ड बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म और इसके बाद गर्भपात कराने की कोशिश के प्रकरण की जांच अब एसआइटी करेगी। वहीं, इस घटना के विरोध में धरने व प्रदर्शन का दौर जारी है।
नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में हाईकोर्ट के पिछले दिनों दिए आदेश का हवाला दे डीआइजी (गढ़वाल) अजय रौतेला ने एसपी क्राइम लोकेश्वर सिंह के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया है। एसआइटी को जल्द जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए है।
दूसरी तरफ, निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद पूरी घटना की साजिश में शामिल स्कूल निदेशक लता गुप्ता और प्रिंसिपल समेत पांच आरोपितों की ओर से ऊपरी अदालत में जमानत याचिका दाखिल की गई है। जिस पर अदालत 24 सितंबर को सुनवाई करेगी।
सहसपुर थाना क्षेत्र स्थित जीआरडी वर्ल्ड स्कूल में एक नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जांच में पुलिस जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर चल रही है। जांच में कोई चूक न हो और ऐसे में आरोपितों को कोई लाभ न मिले, इससे बचने को जांच की कमान खुद डीआइजी अजय रौतेला ने संभाल ली है।
बीते दिनों उत्तरकाशी में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म व हत्या के मामले का संज्ञान लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस तरह के मामलों में एसआइटी से जांच कराने के आदेश दिया था।
इसी के मद्देनजर डीआइजी ने एसपी क्राइम लोकेश्वर सिंह के नेतृत्व में स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम गठित की है। जांच टीम में सीओ विकासनगर बीएस चौहान, थाना प्रभारी सहसपुर नरेश राठौर व प्रकरण की जांच कर रही महिला दरोगा लक्ष्मी जोशी को भी शामिल किया गया है।
डीआइजी ने बताया कि एसआइटी ने गुरूवार को मामले से जुड़े सभी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं। एसएसपी निवेदिता कुकरेती जांच का निर्देशन करेंगी व लगातार प्रगति रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देंगी।
बता दें कि 17 सितंबर को मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तत्काल कदम उठा सामूहिक दुष्कर्म व इस साजिश में संलिप्त तीन नाबालिग छात्रों समेत नौ आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था। आरोप था कि गत 14 अगस्त को चार छात्रों ने एक नाबालिग छात्रा को हॉस्टल के स्टोर में बुलाया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
घटना के बाद छात्रा गर्भवती हो गई और जब इस बात की जानकारी स्कूल प्रबंधन को लगी तो उन्होंने इस पर पर्दा डालने की कोशिश की। स्कूल प्रबंधन ने छात्रा के गर्भपात की कोशिश में उसकी जान जोखिम में डालने से भी गुरेज नहीं किया। देसी दवाएं देकर गर्भ गिराने की कोशिश में छात्रा की सेहत बिगड़ गई तो उसे एक प्राइवेट नर्सिंग होम में ले जाया गया। मामला परिजनों को पता चला तो वे स्कूल पहुंचे और आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस ने उसी दिन कार्रवाई कर दुष्कर्म में शामिल स्कूल के तीन नाबालिग, एक बालिग छात्र समेत स्कूल की डायरेक्टर लता गुप्ता, प्रिसिंपल जितेंद्र शर्मा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा, उनकी पत्नी तनु व आया मंजू को गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने बालिग छह आरोपितों को पोक्सो अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया, जबकि नाबालिग तीन आरोपितों को किशोर न्यायालय के आदेश पर हरिद्वार के बाल सुधार गृह भेज दिया गया। बुधवार को पांच आरोपितों लता गुप्ता, जितेंद्र शर्मा व दीपक समेत तनु और मंजू की जमानत अपील पोक्सो अदालत ने नामंजूर कर दी थी। गुरूवार को पांचों आरोपितों की ओर से अपर जिला जज (प्रथम) गुरबख्श सिंह की अदालत में जमानत अर्जी लगाई गई।
सदन में भी गूंजा बिगड़ती कानून-व्यवस्था का मामला
राजधानी दून में बढ़ते अपराधों की गूंज गुरूवार को विधानसभा में भी सुनाई दी। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने दून में बिगड़ रही कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरा व जवाब मांगा। सहसपुर में बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले समेत रायपुर क्षेत्र में दिनदहाड़े गोलियों से में भूनकर बिल्डिंग मैटेरियल सप्लायर की हत्या को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि जब राजधानी के हालात ऐसे हैं तो अन्य क्षेत्रों की कानून-व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है।
संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने सरकार की ओर से जवाब देते हुए बताया कि रायपुर में हत्या के मामले में पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा। सामूहिक दुष्कर्म मामले के सामने आते ही इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया गया।
दुष्कर्म की पुष्टि, गर्भ पर संशय
छात्रा की मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि तो हो गई है लेकिन गर्भ पर अभी संशय बना हुआ है। पुलिस के अनुसार अल्ट्रासाउंड में प्रेग्नेंसी रिपोर्ट निगेटिव आई है। पुलिस के मुताबिक अभी पीड़िता के बाकी टेस्ट की रिपोर्ट आनी है। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
घटना सामने आने पर पुलिस ने पीड़िता का मंगलवार को मेडिकल कराया था। यह रिपोर्ट जब गुरुवार को पुलिस को मिली तो इसमें प्रेग्नेंसी रिपोर्ट निगेटिव बताई गई है। पुलिस मान रही कि गर्भपात कराने के लिए स्कूल प्रबंधन की ओर से जो देसी दवाएं प्रयोग की गई थी, संभवत: उससे गर्भ गिर गया होगा।
दरअसल, जांच में यह सामने आया है कि देसी दवाएं देने के बाद छात्रा को ब्लीडिंग हो गई थी। इसी के बाद उसे प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाया गया था। इस दौरान चिकित्सक को बताया गया कि छात्रा को पीरियड नहीं हो रहे जबकि चिकित्सक ने ब्लीडिंग देखकर अल्ट्रासाउंड कराने को कहा था।
एसपी ग्रामीण सरिता डोभाल के मुताबिक इन सभी पहलुओं की जांच चल रही है। अभी कुछ मेडिकल रिपोर्ट आनी बाकी हैं। उसके बाद ही सभी तथ्य स्पष्ट हो पाएंगे।
नर्सिंग होम के विरुद्ध प्रारंभिक जांच में नहीं मिला कोई तथ्य
मामले में पहले राजपुर रोड स्थित एक नर्सिंग होम की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही थी। यह आशंका थी कि यहीं पर छात्रा का गर्भपात कराया गया मगर पुलिस जांच में ऐसा नहीं मिला है। जांच में छात्रा को स्कूल परिसर में ही देसी दवा देने की बात सामने आई है।
ऐसे में फिलहाल यह माना जा रहा कि नर्सिंग होम की मामले में कोई भूमिका नहीं है। हालांकि, पुलिस ने अभी नर्सिंग होम को पूरी तरह क्लीनचिट नहीं दी है।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि जांच जारी है और अगर इसमें नर्सिंग होम की किसी भी तरह की भूमिका सामने आती है तो कठोर कार्रवाई निश्वित है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पुलिस की ओर से अभी तक नर्सिंग होम की जांच के लिए कोई पत्र नहीं मिला है। सीएमओ एसके गुप्ता ने बताया कि अगर पुलिस जांच से संबंधित कोई पत्र भेजती है तो विभाग कदम उठाएगा।
स्कूल की मान्यता पर एकाध दिन में फैसला
बोर्डिंग स्कूल में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद स्कूल की मान्यता को लेकर सीबीएसई की ओर से गुरुवार को कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। इस पर अगले एकाध दिन में फैसला हो सकता है।
शिक्षा सचिव भूपिंदर कौर औलख ने स्कूल की मान्यता खत्म करने की सिफारिश सीबीएसई से कर दी थी। उन्होंने सीबीएसई निदेशक को पत्र भेजा था। इस पत्र में स्कूल के बच्चों को नजदीकी स्कूलों में शिफ्ट करने का भी अनुरोध किया गया है।
शिक्षा सचिव की सिफारिश के बाद स्कूल की मान्यता रद होना तय माना जा रहा है, लेकिन जब तक सीबीएसई इस बावत आदेश जारी नहीं करता तब तक स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को शिफ्ट करने का काम शुरू नहीं हो सकता है। इस दौरान बच्चों की परीक्षा भी होनी है। ऐसे में आदेश का इंतजार किया जा रहा है।
बोर्डिंग स्कूलों की जांच को निर्देश जारी
प्रदेश के बोर्डिंग स्कूलों की जांच के लिए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के एक दिन पहले जारी हुए आदेश के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आ गया। जांच को लेकर शिक्षा महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने सभी जिलों में स्कूलों की जांच के लिए कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। एक-दो दिन के भीतर जांच शुरू होने की उम्मीद है। महानिदेशक ने इसकी जानकारी आयोग को भी दी है।
बाल आयोग की सदस्य सीमा डोरा ने बताया कि डीजी शिक्षा तिवारी ने गुरूवार को आयोग में संपर्क कर जांच का प्रारूप मुहैया कराने का आग्र्रह किया। इस पर आयोग ने तुरंत उन्हें प्रारूप भेज दिया। डीजी शिक्षा की ओर से आश्वासन दिया गया कि वह बोर्डिंग स्कूलों की जांच को लेकर बेहद गंभीर हैं। एक-दो दिन में जांच कमेटी गठित कर दी जाएगी।
इसके बाद स्कूलों में सीबीएसई व जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन की सख्ती से समीक्षा की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले बोर्डिंग स्कूलों के साथ विभाग सख्ती से पेश आएगा।
बता दें कि बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी की ओर से बोर्डिंग स्कूलों में लगातार नियमों की अनदेखी के उजागर हो रहे मामलों को लेकर बुधवार को डीजी शिक्षा को जांच को पत्र भेजा था। इसमें शिक्षा विभाग की ओर से बिना जांच के स्कूलों को एनओसी जारी करने को लेकर भी सवाल किए गए थे और विभाग की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जताई थी।
सामूहिक दुष्कर्म की घटना से महिलाओं में उबाल, प्रदर्शन
छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर राजधानी में विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी रहा। उत्तराखंड क्रांति दल ने पुलिस पर स्कूल स्वामी को बचाने का आरोप लगाते हुए एसएसपी से शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की।
वहीं, उत्तराखंड महिला मंच ने बोर्डिंग स्कूलों में छात्राओं के साथ लगातार हो रही अप्रिय घटनाओं को लेकर स्कूल की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए और सरकार से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
यूकेडी महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रमा चौहान के नेतृत्व में एसएसपी कार्यालय में पहुंची महिला कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने एसएसपी को सौंपे ज्ञापन में कहा कि उक्त प्रकरण में स्कूल स्वामी भी मुख्य रूप से जिम्मेदार है। क्योंकि प्रबंधन को स्कूल स्वामी ने ही संरक्षण दिया था। लेकिन, आर्थिक रूप से ताकतवर होने के कारण पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई से बच रही है। कहा कि यदि उनकी शीघ्र गिरफ्तारी नहीं होगी तो वे आंदोलन करेंगे। प्रदर्शन में प्रर्मिला रावत, राजेश्वरी रावत, रुबी खान, गुड्डी चौधरी शामिल रही।
उधर, उत्तराखंड महिला मंच की सदस्य शकुंतला गुसाईं के नेतृत्व में महिलाओं ने घंटाघर चौक पर स्कूलों में छात्राओं के सुरक्षित नहीं होने पर प्रदेश सरकार का पुतला दहन किया। कहा कि सरकार का स्कूलों पर नियंत्रण नहीं रह गया है। इसलिए इस तरह की घटनाएं उजागर हो रही हैं। लेकिन, सरकार इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही। प्रदर्शन में पद्मा गुप्ता, विजय नैथानी, मातेश्वरी रजवार, भगवानी शामिल रही।
उत्तरांचल सिख फेडरेशन ने भी गांधी पार्क में जीआरडी स्कूल प्रबंधन का पुतला दहन कर रोष व्यक्त किया। उन्होंने सरकार से स्कूलों पर नियंत्रण करने की मांग की।
यह भी पढ़ें: शिक्षा के मंदिरों में नहीं थम रही छेड़छाड़, यूटीयू में तीन छात्राएं हुई शिकार
यह भी पढ़ें: छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना सामने आई तो दौड़ने लगे कागजी घोड़े
यह भी पढ़ें: जेल भेजे गए सामूहिक दुष्कर्म के छह आरोपित, तीन नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा