उत्तराखंड में शिवालिक एलीफेंट रिजर्व की अधिसूचना होगी निरस्त, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में शिवालिक एलीफेंट रिजर्व की अधिसूचना निरस्त होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार देर शाम सचिवालय में हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। अब शासन द्वारा इस बारे में आदेश जारी किए जाएंगे।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में शिवालिक एलीफेंट रिजर्व की अधिसूचना निरस्त होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार देर शाम सचिवालय में हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। अब शासन द्वारा इस बारे में आदेश जारी किए जाएंगे। इससे एलीफेंट रिजर्व में शामिल रहे 14 वन प्रभागों के 5409 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण की बाधाएं भी दूर होंगी। बैठक में लालढांग-चिलरखाल मार्ग के निर्माण के मद्देनजर राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को फिर से प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया। इसमें इस मार्ग पर प्रस्तावित पुलों की ऊंचाई का मानक पांच मीटर रखने का आग्रह किया गया है। इसके अलावा गंगोत्री नेशनल पार्क की नेलांग घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने के मद्देनजर चार नए ट्रैकिंग रूट खोलने को भी हरी झंडी दी गई। साथ ही वहां सैलानियों की संख्या भी निर्धारित कर दी गई है।
राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में पिछली बैठक की पुष्टि के बाद विभिन्न प्रस्ताव रखे गए। शिवालिक एलीफेंट रिजर्व की अधिसूचना निरस्त करने संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा में कहा गया कि वर्ष 2002 में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के निर्देश पर राज्य सरकार ने शिवालिक एलीफेंट रिजर्व की अधिसूचना जारी की थी। वर्तमान परिस्थितियों में इसका औचित्य नहीं है। राज्य को अधिकार है कि वह अपनी अधिसूचना को निरस्त कर सकता है। गौरतलब है कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए वन भूमि दिए जाने का कई संगठन विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह एलीफेंट रिजर्व के नियमों के विपरीत है।
नेलांग घाटी में बढेंगी पर्यटन गतिविधियां
गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत नेलांग घाटी में चार नए ट्रैकिंग रूट जादुंग-जनकताल, जसपुर-ब्रह्मीखाल, नेलांग डुम्कू-चोरगाड़ व झाला-अवान बुग्याल ट्रैकिंग रूट खोलने के प्रस्तावों पर बोर्ड ने मुहर लगाई। इसके साथ ही वहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ाई गई है। पहले नेलांग घाटी में प्रतिदिन 30 व्यक्तियों को जाने की अनुमति थी। इसे बढ़ाकर अब 100 कर दिया गया है। तय हुआ कि यदि पर्यटकों की संख्या बढ़ती है तो इसे बढ़ाया भी जा सकेगा। गौरतलब है कि ये क्षेत्र इनरलाइन के दायरे में हैं। राष्ट्रीय पार्क में होने के कारण इन रूट को खोलने के लिए बोर्ड की अनुमति जरूरी थी।
बैठक में वन मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत, विधायक दीवान सिंह बिष्ट, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी, उपाध्यक्ष वन पंचायत सलाहकार परिषद वीरेंद्र बिष्ट, प्रमुख सचिव आनंद बद्र्धन, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक रंजना काला, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव सोनिका आदि मौजूद थे।
जंगली कुत्ते लाने का प्रस्ताव खारिज
राजाजी टाइगर रिजर्व में नए जंगली कुत्ते लाने के फैसले को बोर्ड ने खारिज कर दिया है। बैठक में विचार-विमर्श के दौरान यह प्रस्ताव अनुकूल नहीं पाया गया। अलबत्ता, कार्बेट टाइगर रिजर्व में गैंडे लाने की मुहिम तेज करने का निर्णय लिया गया गया। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने बताया कि गैंडे लाने के संबंध में भारतीय वन्यजीव संस्थान ने राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों से राय ले ली है। अब वह फाइनल प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा और फिर इस पर गंभीरता से कदम बढ़ाए जाएंगे।
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अन्य फैसले
- गोविंद वन्यजीव विहार में पीएमजीएसवाई की नैटवाड़-नुराणू, नैटवाड़-हल्द्वाड़ी, हल्द्वाड़ी-सेवा व पाव-सिरगा मार्गों के लिए वन भूमि हस्तांतरण को मंजूरी
- केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग में रुद्रनाथ मंदिर के लिए पेयजल योजना का निर्माण
- कार्बेट टाइगर रिजर्व में धनगढ़ी व पनोद नालों में स्पान पुलों का निर्माण
- गौला, कोसी, दाबका व शारदा नदियों में उपखनिज चुगान की ईसी बढ़ाने पर सहमति
- मसूरी प्रभाग की रायपुर रेंज में सौंगनदी के भोपालपानी में उपखनिज चुगान को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से ली जाएगी मंजूरी
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